Psychology, asked by ankittiwari6788, 10 months ago

सामाजिक समस्या से संबंधित एक प्रोजेक्ट तैयार करे

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Answered by uniyalsudhir368
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Answer:

वस्तुतः एक नवीन विषय के रूप में समाजशास्त्र के उद्भव, विकास एवं परिवर्तन की पृष्ठभूमि में सामाजिक समस्या (सामाजिक मुद्दा या सामाजिक समस्या) की अवधारणा ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। समाजशास्त्र का विकास समस्यामूलक परिवेश एवं परिस्थितियों का अध्ययन करने एवं इनका निराकरण करने के प्रयासों के रूप में हुआ है। सामाजिक समस्याओं के अध्ययन में सामाजिक विचारकों का ध्यान सहज रूप से इसलिए आकर्षित हुआ है क्योंकि ये सामाजिक जीवन का अविभाज्य अंग है। मानव समाज न तो कभी सामाजिक समस्याओं से पूर्ण मुक्त रहा है और न ही रहने की सम्भावना निकट भविष्य में नजर आती है, परन्तु इतना तो निश्चित है कि आधुनिक समय में विद्यमान संचार की क्रान्ति तथा शिक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता के फलस्वरूप मनुष्य इन समस्याओं के प्रति संवेदनशील एवं सजग हो गया है। सामाजिक समस्याओं के प्रति लेगों का ध्यान आकर्षित करने में जन संचार के माध्यम, यथा-टेलीविजन, अखबार एवं रेडियो ने अति महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। मुख्यतः टेलीविजन पर प्रसारित विभिन्न चेनलों के कार्यक्रमों तथा स्थानीय, प्रादेशिक एवं अन्तर्राज्यीय अखबारों की भूमिका प्रशंसनीय है।

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Answered by bhatiamona
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सामाजिक समस्या

सामाजिक समस्या  

यह समाज सबसे पुराना  रीती-रिवाज है जो आज तक चलता ही जा रहा है, अब बहू – बेटियों की जान भी लेने लगा। दहेज गर्व का नहीं शर्म का विषय है। सब को रोकना चाहिए तभी देश प्रगति कर पाएगा| भेद-भाव रखना , जाती-वाद यह समाज में सबसे बड़ी बुराई है| इसके कारण ऊँचे वर्ग के लोग छोटे वर्ग के लोगों के साथ भेद-भाव करते है | बहुत सारी जगह पर उन्हें जाने भी नहीं देते है | इस प्रथा के पीछे कहीं न कहीं पुरुषों और उनके घरवालों लोभ एवं लालच है जो इसके लिए जिम्मेदार है|

दहेज प्रथा  

दहेज प्रथा हमारे देश और समाज  के लिए एक कलंक है जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। दहेज प्रथा  के कारण ससुराल वाले लड़की को तंग करते है मारते है और पैसे माँगते है| यह समाज सबसे पुराना  रीती-रिवाज है जो आज तक चलता ही जा रहा है, अब बहू – बेटियों की जान भी लेने लगा। दहेज गर्व का नहीं शर्म का विषय है। सब को रोकना चाहिए तभी देश प्रगति कर पाएगा|

भेद-भाव रखना , जाती-वाद यह समाज में सबसे बड़ी बुराई है | इसके कारण ऊँचे वर्ग के लोग छोटे वर्ग के लोगों के साथ भेद-भाव करते है | बहुत सारी जगह पर उन्हें जाने भी नहीं देते है |  

दहेज प्रथा यह सब हमें खत्म करने की जरूरत है | इसी  पुरानी सोच के कारण हम पीछे है, अगर हम यह सोच बदल देंगे और नया सोच बनाएंगे सब जगह प्रगति होगी |  

 कन्या भ्रूण हत्या

कन्या भ्रूण हत्या हमारे देश के लिए एक कलंक है जो कि दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। धर्मों के हिसाब से लड़का परिवार का वंश आगे तक ले कर जाएगा इसलिए लोग अभी तक यह प्रथा पर रिवाज निभाते है और कन्या को पैदा होने से पहले मार देते है | सब को रोकना चाहिए तभी देश प्रगति कर पाएगा |

लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखना  

यह समाज में सबसे बड़ी बुराई है , लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता है | लड़कियों को स्कूल नहीं भेजा जाता घर के काम के लिए रखा जाता है | छोटी उम्र में उनकी शादी करवा दी जाती है |  

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