सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।
Answers
उत्तर :
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारक निम्न प्रकार से है :
(क) लोगों का दृष्टिकोण :
लोकतंत्र में सामाजिक विषमताओं को देखने में लोगों का दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर वह इन्हें एक दूसरे के संदर्भ में देखते हैं तो यह हमें बताता है कि सभी सामाजिक समूह अलग-अलग समुदायों से संबंध रखते हैं तथा यह दृष्टिकोण समाज में सामंजस्य बिठाने में काफी मुश्किल होता है परंतु अगर लोग इन पहचानों को अलग-अलग दृष्टिकोण से नहीं देखते हैं तथा इसे देश का ही एक हिस्सा समझते हैं तो इस प्रकार का विभाजन खतरनाक नहीं बल्कि समाज के लिए अच्छा है । इससे समाज के सभी कमजोर वर्गों को हमारे सामाजिक व्यवस्था में प्रतिनिधित्व मिल जाएगा।
(ख) नेताओं का सामाजिक विभाजन को प्रयोग करने का ढंग :
दूसरा महत्वपूर्ण कारक अथवा सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम यह है कि किस प्रकार हमारे नेता अलग अलग सामाजिक समूह की मांगों को उठाते हैं। मांगों को शांतिपूर्ण ढंग से उठाया जाए तथा और समूहों की मांगों को भी महत्व दिया जाए तो यह समाज के लिए लाभकारी होगा। परंतु अगर नेता और समूहों की मांगों को दबाकर अपने समूह की मांगे उठाएंगे तो समाज संघर्ष की तरफ मुड़ जाएगा।
(ग) सरकार का रूख :
इसमें तीसरा महत्वपूर्ण कारक है इन मांगों के प्रति सरकार का रुख। अगर सरकार सभी समूहों के साथ सत्ता की साझेदारी करने के प्रयास करेगी, यहां तक की अल्पसंख्यकों के साथ भी, तो सामाजिक विभाजन देश के लिए कोई खतरा नहीं होगा। परंतु अगर सरकार इन मांगों को दबाने का प्रयास करेगी तो यह दबाव वाली एकता की तरफ बढ़ेगा परंतु बाद में विभाजन बन जाएगा।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Explanation:
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारक निम्न प्रकार से है :
(क) लोगों का दृष्टिकोण :
- लोकतंत्र में सामाजिक विषमताओं को देखने में लोगों का दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण होता है। अगर वह इन्हें एक दूसरे के संदर्भ में देखते हैं तो यह हमें बताता है कि सभी सामाजिक समूह अलग-अलग समुदायों से संबंध रखते हैं तथा यह दृष्टिकोण समाज में सामंजस्य बिठाने में काफी मुश्किल होता है परंतु अगर लोग इन पहचानों को अलग-अलग दृष्टिकोण से नहीं देखते हैं तथा इसे देश का ही एक हिस्सा समझते हैं तो इस प्रकार का विभाजन खतरनाक नहीं बल्कि समाज के लिए अच्छा है । इससे समाज के सभी कमजोर वर्गों को हमारे सामाजिक व्यवस्था में प्रतिनिधित्व मिल जाएगा।
(ख) नेताओं का सामाजिक विभाजन को प्रयोग करने का ढंग :
- दूसरा महत्वपूर्ण कारक अथवा सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम यह है कि किस प्रकार हमारे नेता अलग अलग सामाजिक समूह की मांगों को उठाते हैं। मांगों को शांतिपूर्ण ढंग से उठाया जाए तथा और समूहों की मांगों को भी महत्व दिया जाए तो यह समाज के लिए लाभकारी होगा। परंतु अगर नेता और समूहों की मांगों को दबाकर अपने समूह की मांगे उठाएंगे तो समाज संघर्ष की तरफ मुड़ जाएगा।
(ग) सरकार का रूख :
- इसमें तीसरा महत्वपूर्ण कारक है इन मांगों के प्रति सरकार का रुख। अगर सरकार सभी समूहों के साथ सत्ता की साझेदारी करने के प्रयास करेगी, यहां तक की अल्पसंख्यकों के साथ भी, तो सामाजिक विभाजन देश के लिए कोई खतरा नहीं होगा। परंतु अगर सरकार इन मांगों को दबाने का प्रयास करेगी तो यह दबाव वाली एकता की तरफ बढ़ेगा परंतु बाद में विभाजन बन जाएगा।