सामाजिक विषमता के बारे में लिखिए
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सामाजिक संसाधनों तक असमान पहुँच की पद्धति ही साधारणतया सामाजिक विषमता कहलाती है। कुछ सामाजिक विषमताएँ व्यक्तियों के बीच स्वाभाविक भिन्नता को प्रतिबिंबित करती हैं। ... वह व्यवस्था जो एक समाज में लोगों का वर्गीकरण करते हुए एक अधिक्रमित संरचना में उन्हें श्रेणीबद्ध करती है उसे समाजशास्त्री सामाजिक स्तरीकरण कहते हैं।
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इस प्रश्न का प्रासंगिक उत्तर इस प्रकार है:
Explanation:
सामाजिक विषमता:-
- भारत की सामाजिक संरचना असमानता की पूर्वज है। यह तब जन्म के आधार पर ले रहा है कि उन्नत संपत्ति का व्यक्ति अच्छी तरह से स्थापित है और निम्न संपत्ति का व्यक्ति असंगत है।
- इनग्रेन एस्टेट सिस्टम को बाहर करने के लिए शुरू किए गए सभी आंदोलन सफल रहे, लेकिन इस गलत को कभी भी रद्द नहीं किया जा सका।
- विश्व में सर्वाधिक सामाजिक असमानता वाले देशों में भारत का प्रमुख स्थान है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मानवता में छब्बीस मिलियन से अधिक लोग विभिन्न कारणों से सामाजिक रोगों के शिकार हैं।
- इसके पीछे जायदाद सीमांकन, छुआछूत और हीनता की भावना ध्यान देने योग्य है। जन्म के समय संपत्ति के आधार पर भेदभाव का पूर्वाभ्यास भारत में वृद्ध है। वास्तव में भारतीय कांग्रेस अभी तक इससे मुक्त नहीं हुई है।
- सामाजिक आंदोलन और जागृति का कार्य सदियों से जायदाद भेदभाव, उच्च और अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए किया गया है, लेकिन असमानताओं की उत्पत्ति इतनी गहरी है कि वास्तव में अब भारतीय समाज सभी मजदूरों के बावजूद इस झंझट से स्वतंत्र नहीं हुआ है।
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