Economy, asked by Dhanush9172, 11 months ago

सीमान्त उपयोगिता किसे कहते हैं?

Answers

Answered by makybawa
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Explanation:

अर्थशास्त्र में, किसी वस्तु या सेवा के उपभोग में इकाई वृद्धि करने पर प्राप्त होने वाले लाभ को उस वस्तु या सेवा की सीमान्त उपयोगिता (marginal utility) कहते हैं। अर्थशास्त्री कभी-कभी ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता के नियम (law of diminishing marginal utility) की बात करते हैं जिसका अर्थ यह है कि किसी उत्पाद या सेवा के प्रथम अंश से जितना उपयोगिता प्राप्त होती है उतनी उपयोगिता उतने ही बाग से बाद में नहीं मिलती। यह नियम गोसेन ने 19 वीं शताब्दी मै दिया था।

Answered by franktheruler
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किसी वस्तु अथवा सेवा के उपभोग में इकाई वृद्धि करने प्राप्त होने वाले लाभ को अर्थ शास्त्र में उस वस्तु या सेवा की सीमांत उपयोगिता कहते है

  • अंग्रेजी में सीमांत उपयोगिता को मार्जिनल यूटिलिटी कहा जाता है।
  • कभी कभी अर्थशास्त्री ह्रासमान सीमान्त उपयोगिता के नियम की बात किया करते है जिसका अर्थ यह है कि किसी उत्पाद या सेवा के प्रथम अंश से जितनी उपयोगिता प्राप्त होती है उतनी उपयोगिता बाद में उतने ही भाग से नहीं मिलती।
  • सीमान्त उपयोगिता ह्रास नियम को एक सार्वभौमिक नियम कहा गया है।
  • इस नियम का आधार उपभोक्ता का वह व्यवहार है जिसमें उपभोक्ता द्वारा किसी वस्तु की अधिक से अधिक इकाई उपभोग करने पर अतिरिक्त उपभोग की जाने वाली वस्तुओं की इकाइयों का सीमांत उपयोगिता उत्तरोतर घटती जाती है।

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