सामान्य जीवन यापन के लिए प्रत्येक मनुष्य के अपने परिवार, कार्य, सरकार और समाज पर कुछ
अधिकार होते हैं, जो आपसी समझ और नियमों द्वारा निर्धारित होते हैं। इसी के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र
महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र को आधिकारिक मान्यता
दी गई, जिसमें भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक मनुष्य को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। अत: प्रत्येक
वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। मानव अधिकार से तात्पर्य उन सभी
अधिकारों से है जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। यह सभी अधिकार
भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूलभूत अधिकारों के नाम से वर्णित किए गए हैं और न्यायालयों द्वारा
मवर्तनीय है, जिसकी भारतीय संविधान न केवल गारंटी देता है, बल्कि इसका उल्लंघन करने वालों को
अदालत सजा भी देती है। वैसे तो भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में
लाया गया था और 12 अक्टूबर, 1993 में 'राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया था,
नेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को घोषणा पत्र को मान्यता दिए जाने पर 10
देसंबर का दिन मानवाधिकार दिवस के लिए निश्चित किया गया। मानवाधिकार को 30 अनुच्छेदों द्वारा
सरलता से समझा जा सकता है, और प्रत्येक व्यक्ति को इसकी जानकारी और समझ अवश्य होनी
चाहिए।
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Answers
Explanation:
importance of women in family
Women are equally important in society as men are. They are the backbone for a progressing nation. Demographically, half a population of the country constitutes women, and they deserve equal importance and rights in society.
From keeping the home safe and clean to portraying excellent outcomes in the workplace, a woman can do it all. Their capabilities must not be underestimated based on their gender, and they should be given equal opportunity to display their talents. It is essential for us to know the status of women in our society, and therefore, we have compiled some extended, short, and ten lines essay on the role of women in society.
In the middle age, people had only one notion about the woman; that is, they were born to control the household chores and manage the children. But in today’s world, women empowerment has taken place which has opened new doors for the women to thrive and shine.
In the rural regions, the girls have started going to school, which is positively affecting the literacy rate in India and is taking the country in the forward direction. Campaigns are held all over the country to spread awareness about woman literacy.To conclude, women should be encouraged to do something out of the household works, and if they already want to work in offices to earn for themselves, no one should stop them. They are an individual identity who have full freedom of doing anything that they think is the best for them.