साम्प्रदायिकता (धर्म के बदलते स्वरूप) बताते हुए माता व पुत्र की संवाद
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राहूलः माँ, आज श्रीलंका में एक बम विस्फोट हुआ हैं। जिसमें 300 लोग मारे गए हैं।
माँ - हाँ बेटा, चर्च में हमला हुआ हैं। कई निर्दोष लोग मारे गए हैं।
राहूलः ये लोग हमला क्यों करते हैं।
माँ - बेटा ये साम्प्रदायिकता हैं। जब एक धर्म के लोग, दूसरे धर्म का अनादर करें और उसका विरोध करे तो इसे साम्प्रदायिकता कहते हैं। धर्म जीने का ढंग हैं। सभी धर्मों का सार एक ही हैं। सभी धर्म दया करूणा और प्रेम का सन्देंश देते हैं। लेकिन लोग रास्ता भटक जाते हैं। और विरोध करने लगते हैं। यहीं कारण हैं कि साम्प्रदायिकता जन्म लेती हैं।
राहूलः तो लोग उनको समझाते क्याें नहीं
माँ - कुछ लोग अपने तुच्छ स्वार्थों के लिए इसे बढ़ावा देते हैं। वो बाग सबसे अच्छा होता हैं जिसमें हर तरह के फूल हो। इसी तरह सब तरह के धर्म और सद्भाव किसी देश के लिए सबसे अच्छी बात हैं।
राहुलः हाँ माँ, अध्यापकजी भी बता रहे थे कि सभी धर्म ईश्वर तक जाने के अलग अलग मार्ग हैं।
माँ- सही कह रहे थे। अब तुम विद्यालय का गृहकार्य पूरा करो। मैं चाय बनाकर लाती हूं।