Hindi, asked by odhavjibhai5779, 5 months ago

सुमित्रानंदन पंत की कविता "गाम श्री " कंठस्थ करें ।​

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Gram Shree Class 9 Explanation – ग्राम श्री कविता का सार : ग्राम श्री कविता में कवि ने गांव के प्राकृतिक सौंदर्य का बड़ा ही मनोहर वर्णन किया है। हरे-भरे खेत, बगीचे, गंगा का तट, सभी कवि की इस रचना में जीवित हो उठे हैं। अगर आपने अपने जीवन-काल में कभी भी गांव की सुषमा और समृद्धि का दृश्य नहीं देखा है, तब भी आप इस कविता को पढ़ कर ये कल्पना कर सकते हैं कि वह कैसा प्रतीत होता होगा। खेतों में उगी फसल आपको ऐसी लगेगी, मानो दूर-दूर तक हरे रंग की चादर बिछी हुई हो। उस पर ओस की बूँदें गिरने के बाद जब सूरज की किरणें पड़ती हैं, तो वह चाँदी की तरह चमकती है।

नए उगते हुए गेहूँ, जौ, सरसों, मटर इत्यादि को देख कर ऐसा प्रतीत होता है, मानो प्रकृति ने श्रृंगार किया है। आम के फूल, जामुन के फूल की सुगंध पूरे गांव को महका रही है। गंगा के किनारे का दृश्य भी इतना ही मनमोहक है। जल-थल में रहने वाले जीव अपने-अपने कार्य में लगे हुए हैं। जैसे कि बगुला नदी के किनारे मछलियाँ पकड़ते हुए खुद को सँवार रहा है। इस तरह कवि अपनी इस कविता के माध्यम से हमें गांव के अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में बता रहे हैं।

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