Hindi, asked by pavithkalyan1025, 11 months ago

सुमित्रानंदन पंत कविता में भारत के खेत, नदियाँ, झरने को कैसे बताए गए हैं

Answers

Answered by rajeswaridande96
0

' बरसते बादल ' कविता में प्रकृति का सुंदर चित्रण है। वर्ष ऋतु हमेशा से सबकी प्रक्रिया ऋतु रही है। वर्ष के समय प्रकृति की सुंदरता देखने लायक होती है। पेड़ - पौधे, पशु - पक्षी, मनुष्य और यहां तक कि धरती भी खुशी से झूम उठती है। इसी सौंदर्य का वर्णन इस कविता में किया गया है।

श्रावण मास के मेघ झम - झम बरसते हैं। वृक्षों से

बूंद छम - छम गिरती हैं। काले - काले बादलों से

घिरे रहने के कारण दिन में अंधेरा हो जाता है ऐसा लगता है कि मानों रात हो गई हो और मन दिन में

ही सपने देखने लगता है।

वर्षा ऋतु में सभी जीव जंतु तरह - तरह की आवाज

कर आनंद मनाते हैं। वर्षा के समय मेंढक टर - टर करते हैं, झिंगुर झन - झन की आवाज करते हैं। मोर म्यव - म्यव करके कूकते हैं, चातकगण पीउ - पीउ आवाज करते हैं। वर्षा में भीगने के कारण सोन पक्षी के बच्चे खुशी से झूम उठे हैं और वे आवाज करते हुए इधर - उधर उड़ रहे हैं। गगन में मेघ घुमड़ - घुमड़ कर गर्जन करते हैं।

कवि कहते हैं कि बरसात में बरसते बूंदों का स्वर

हमसे कुछ कहता है। ऐसा लगता मानो वे हमसे कुछ बातें कह रही हैं। वर्षा की बूंदों रिमझिम - रिमझिम की आवाज करते हुए गिरती हैं। इस स्वर को सुनते ही रोम सिहर उठता है और वह मन को भीतर तक छू जाता है। धाराओं पर धाराएं धरती पर गिरती हैं और मिट्टी के कण - कण को पुलकित करती है।

कवि कहते हैं कि वर्षा की धार पकड़ने के लिए मोर मन झूल उठता है। कवि सभी से मिलकर सावन के गीत गाने को कहते हैं। वे चाहते हैं कि सभी इंद्रधनुष के रंगों से सजे इस सावन की बरसात का आनंद उठाये और सभी के मन को भानेवाला यह सावन उनके जीवन में बार - बार आकर खुशियां भरे।

HOPE THIS HELPS YOU MATE.....

PLEASE MARK IT AS BRAINLIEST...!!!!!!

Similar questions