Hindi, asked by avineshgusain376, 8 months ago

स्मात् शुभ कार्य में विघ्न की तरह उग्र रूप धारण किए हुए विश्वेश्वर वहाँ आ
1) शुभ कार्य' और 'विघ्न' शब्दों का प्रयोग किस-किस संदर्भ में किया गया है ?​

Answers

Answered by rssingh64
2

Explanation:

चिरगाँव (झाँसी) में बाल्यावस्था बीतने के कारण बुंदेलखंड की वीरता और प्रकृति सुषमा के प्रति आपका प्रेम स्वभावगत था। घर के वैष्णव संस्कारों और गांधीवाद से गुप्त जी का व्यक्तित्व विकसित हुआ। गुप्त जी स्वयं शिक्षित कवि थे। मैथिलीशरण गुप्त की काव्यकला और उनका युगबोध सियारामशरण ने यथावत्‌ अपनाया था। अत: उनके सभी काव्य द्विवेदी युगीन अभिधावादी कलारूप पर ही आधारित हैं। दोनों गुप्त बंधुओं ने हिंदी के नवीन आंदोलन छायावाद से प्रभावित होकर भी अपना इतिवृत्तात्मक अभिघावादी काव्य रूप सुरक्षित रखा है। विचार की दृष्टि से भी सियारामशरण जी ज्येष्ठ बंधु के सदृश गांधीवाद की परदु:खकातरता, राष्ट्रप्रेम, विश्वप्रेम, विश्व शांति, हृदय परिवर्तनवाद, सत्य और अहिंसा से आजीवन प्रभावित रहे। उनके काव्य वस्तुत: गांधीवादी निष्टा के साक्षात्कारक पद्यबद्ध प्रयत्न हैं।

गुप्त जी के मौर्य विजय (१९१४ ई.), अनाथ (१९१७), दूर्वादल (१९१५-२४), विषाद (१९२५), आर्द्रा (१९२७), आत्मोत्सर्ग (१९३१), मृण्मयी (१९३६), बापू (१९३७), उन्मुक्त (१९४०), दैनिकी (१९४२), नकुल (१९४६), नोआखाली (१९४६), गीतासंवाद (१९४८) आदि काव्यों में मौर्य विजय और नकुल आख्यानात्मक हैं। शेष में भी कथा का सूत्र किसी न किसी रूप में दिखाई पड़ता है। मानव प्रेम के कारण कवि का निजी दु:ख, सामाजिक दु:ख के साथ एकाकार होता हुआ वर्णित हुआ है। विषाद में कवि ने अपने विधुर जीवन और आर्द्रा में अपनी पुत्री रमा की मृत्यु से उत्पन्न वेदना के वर्णन में जो भावोद्गार प्रकट किए हैं, वे बच्चन के प्रियावियोग और निराला जी की “सरोजस्मृति’ के समान कलापूर्ण न होकर भी कम मार्मिक नहीं हैं। इसी प्रकार अपने हृदय की सचाई के कारण गुप्त जी द्वारा वर्णित जनता की दरिद्रता, कुरीतियों के विरुद्ध आक्रोश, विश्व शांति जैसे विषयों पर उनकी रचनाएँ किसी भी प्रगतिवादी कवि को पाठ पढ़ा सकती हैं। हिंदी में शुद्ध सात्विक भावोद्गारों के लिए गुप्त जी की रचनाएँ स्मरणीय रहेंगी। उनमें जीवन के श्रृंगार और उग्र पक्षों का चित्रण नहीं हो सका किंतु जीवन के प्रति करुणा का भाव जिस सहज और प्रत्यक्ष विधि पर गुप्त जी में व्यक्त हुआ है उससे उनका हिंदी काव्य में एक विशिष्ट स्थान बन गया है। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के वह प्रतिनिधि कवि हैं।

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Answered by jainmoulshree
5

Answer:

यह प्रश्न ' काकी ' नामक संक्षिप्त कहानी से लिया गया है।

"शुभ कार्य" का प्रयोग उस संदर्भ में किया गया है जब श्यामू अपनी माँ को ईश्वर  के यहाँ से नीचे लाने के लिए पतंग और दो मज़बूत रस्सियाँ मँगवाता है और उस पर  काकी लिखवाता है। श्यामू अत्यंत प्रसन्न मन से अपने साथी भोला के साथ पतंग में रस्सी बाँध रहा था।

"विघ्न" का प्रयोग उस संदर्भ में किया गया है जब श्यामू चोरी किए गए पैसे से पतंग खरीदता है।जैसे ही वह शुभ कार्य संपन्न करने जाता है वैसे ही उसके पिता विश्वेश्वर विघ्न के रूप में वहाँ उपस्थित हो जाते हैं।

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