Computer Science, asked by anilchaturvedi14, 3 months ago

सीमांत उपयोगिता से तात्पर्य उस अतिरिक्त संतुष्टि से है जो उपभोक्ता को किसी वस्तु की अतिरिक्त इकाई की खपत पर मिलती है। इसकी गणना पिछली इकाई की कुल उपयोगिता द्वारा एक इकाई की कुल उपयोगिता को घटाकर की जाती है। इसे कुल उपयोगिता में परिवर्तन की राशि के रूप में भी दर्शाया जा सकता है, जबकि उपभोग की इकाइयों में परिवर्तन एक होना चाहिए।

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Answered by himanic271
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Explanation:

सीमांत उपयोगिता से तात्पर्य उस अतिरिक्त संतुष्टि से है जो उपभोक्ता को किसी वस्तु की अतिरिक्त इकाई की खपत पर मिलती है। इसकी गणना पिछली इकाई की कुल उपयोगिता द्वारा एक इकाई की कुल उपयोगिता को घटाकर की जाती है। इसे कुल उपयोगिता में परिवर्तन की राशि के रूप में भी दर्शाया जा सकता है, जबकि उपभोग की इकाइयों में परिवर्तन एक होना चाहिए।

Answered by shilpapanchal126
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Answer:

सीमांत उपयोगिता से तात्पर्य उस अतिरिक्त संतुष्टि से है जो उपभोक्ता को किसी वस्तु की अतिरिक्त इकाई की खपत पर मिलती है। इसकी गणना पिछली इकाई की कुल उपयोगिता द्वारा एक इकाई की कुल उपयोगिता को घटाकर की जाती है। इसे कुल उपयोगिता में परिवर्तन की राशि के रूप में भी दर्शाया जा सकता है, जबकि उपभोग की इकाइयों में परिवर्तन एक होना चाहिए।

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