'सामंतवाद' से क्या अभिप्राय है?
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Answer:
'सामंतवाद'
वह शासन व्यवस्था जिसमें राज्य की भूमि बड़े बड़े जडमींदारों के अधिकार में रहती थी
सामंतवाद एक ऐसी मध्ययुगीन शासन व्यवस्था थी, राज्य की भूमि बड़े बड़े जडमींदारों के
अधिकार में रहती थी | स्थानीय शासक उन शक्तियों और अधिकारों का उपयागे करते थे| वह लोग किसानों पर शासन करते थे | अपने स्वामी को कई प्रकार के कर और उपहार देने पड़ते थे। वह अपने स्वामी के लिए जीते और मरते थे। उनका पूरा जीवन शासकों के अधीन होता था। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें उनके आगे हाथ फैलने पढ़ते थे|
सामंतवाद |
Explanation:
सामंतवाद 10 वीं से 13 वीं शताब्दी के यूरोपीय मध्ययुगीन समाजों में व्यवस्था थी, जिसके तहत स्थानीय प्रशासनिक नियंत्रण और इकाइयों (भूमि) में भूमि के वितरण के आधार पर एक सामाजिक पदानुक्रम की स्थापना की गई थी।
एक सामंती व्यवस्था में, एक किसान या एक जागीरदार के रूप में जाना जाने वाला श्रमिक एक स्वामी या राजा की सेवा के बदले में भूमि का एक टुकड़ा प्राप्त करता था, खासकर युद्ध के समय। जागीरदारों से अपेक्षा की गई थी कि वे अपने स्वयं के जागीर, या भूमि के क्षेत्रों के बदले में विभिन्न कर्तव्यों का पालन करेंगे।
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