सामने
बेचैन घावों की अजब तिरछी लकीरों से कटा
चेहरा
कि जिस पर काँप
दिल की भाष उठती है
पहने हथकड़ी वह एक ऊँचा कद,
समूचे जिस्म पर लत्तर,
झलकते लाल लम्बे दाग
बहते खून के।
वह कैद कर लाया गया ईमान
सुलतानी निगाहों में निगाहें डालता,
बेखौफ नीली बिजलियों को फेंकता
खामोश!!!
सब खामोश
मनसबदार,
शाइर और सूफी,
अल गजाली, इब्ने सिन्ना, अलबरूनी,
आलिमो फाज़िल सिपहसालार, सब सरदार
birajoraonoraon2709:
Detal ans
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I think it is bhayanak ras.
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Answer: please tell me writer name
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