Hindi, asked by deepalirastogi, 9 months ago

सुमन एक उपवन के कविता की इन पं‌कि्तयो‌‍ का अर्थ स्पष्ट करो,,,,,का़ॅ॑टो‌ं में खिलकर हम सब ने हॅ॑स-हॅ॑सकर जीना सीखा एक सूत्र में बॅ॑धकर हमने हार गले का बन्ना सिखा।​

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Answered by sasmithayamini12
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Amitkumarsachin

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हम सब सुमन एक उपवन के – द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

By Amit Kumar Sachin- February 26, 202001091

हम सब सुमन एक उपवन के – हिंदी कविता

द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

हम सब सुमन एक उपवन के

एक हमारी धरती सबकी

जिसकी मिट्टी में जन्मे हम

मिली एक ही धूप हमें है

सींचे गए एक जल से हम।

पले हुए हैं झूल-झूल कर

पलनों में हम एक पवन के

हम सब सुमन एक उपवन के।।

रंग रंग के रूप हमारे

अलग-अलग है क्यारी-क्यारी

लेकिन हम सबसे मिलकर ही

इस उपवन की शोभा सारी

एक हमारा माली हम सब

रहते नीचे एक गगन के

हम सब सुमन एक उपवन के।।

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