सुमति के गुस्से का क्या कारण था
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sorry I didn't understand your question
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डाँड़े पर से उतरते समय लेखक अपने साथियों और सुमति से पिछड़ गया था। लेखक का घोड़ा सुस्त था। लेखक ने समझा कि उसका घोड़ा चढ़ाई के कारण ऐसा कर रहा है, जोर देने पर वह और सुस्त हो गया था। रास्ते में एक जगह से दो रास्ते थे। लेखक ने ग़लत रास्ता पकड़ लिया। आगे जाकर उसने सही मार्ग पूछा। आगे जाकर अपने साथियों से मिला। सुमति लेखक के इस तरह पिछड़ने से गुस्सा था क्योंकि वह मार्ग काफ़ी खराब था।
सुमति के परिचय और सम्मान का दायरा बहुत बड़ा है । तिब्बत के तिङी प्रदेश में लगभग हर गाँव में उसके परिचित हैं। वह उनके यहाँ धर्मगुरु के रूप में सम्मानित होता है। लोग उसे आदरपूर्वक घर में स्थान देते हैं। वह सबको बोध गया का गंडा प्रदान करता है। लोग गंडे को पाकर धन्य अनुभव करते हैं। सुमति स्वभाव से सरल, मिलनसार, स्नेही और मृदु रहा होगा। तभी लोग उसे उचित आदर देते होंगे।