Hindi, asked by Anonymous, 7 months ago

सुनि अठिलैहैं लोग सब ,बाँँटि न लैहैं कोय" पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए

..लोग सुनकर समझ कर दु:खों को बाँट लेते हैं |
..लोग दूसरों के कष्ट सुनकर प्रसन्न होते हैं ,दु:खों को कोई नहीं बाँटता |
..लोग दु:खों को सुनकर दौड़े चले आते है​

Answers

Answered by handsomeram16645
22

इस पंक्ति का भाव यह है कि अपना दुःख अपने तक ही सीमित रखें। उसे सबको बताकर हँसी-मज़ाक का पात्र न बने क्योंकि दूसरे का दुःख कोई बाँटता नहीं है।

Answered by Anonymous
7

Answer:

I think aapka answer aapko mil hai.......

so I just want to say......

..

good night!!!..

stay happy stay safe❥❥●

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