Hindi, asked by sainaghai, 9 months ago

स- निबंध लेखन: भारत की नदियाँ
संकेत बिंदु- भूमिका, भारत की प्रमुख नदियाँ
नदियो लाभ गंगा प्रोजेक्त, नदियों में
प्रदेषण, नदियों के लिए हमारी जिम्मेदारियाँ
पर्यावरण और नदियाँ, उपसंहार​

Answers

Answered by tanush4697
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Answer:

गंगा नदी

भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी गंगा का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। इसका जल घर में शीशी या प्लास्टिक के डिब्बे आदि में भरकर रख दें तो बरसों तक खराब नहीं होता है और कई तरह की पूजा-पाठ में इसका उपयोग किया जाता है। ऐसी आम धारणा है कि मरते समय व्यक्ति को यह जल पिला दिया जाए तो ‍उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है

गंगा नदी भारत और बांग्लादेश में मिलाकर 2510 किमी की दूरी तय करती हुई उत्तरांचल में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुंदरवन तक विशाल भू भाग को सींचती है, देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, जन जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। 2071 किमी तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है।

सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। 100 फीट की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ और देवी के रूप में की जाती है।

इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पाई ही जाती हैं मीठे पानी वाले दुर्लभ डालफिन भी पाए जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल जैसे वाराणसी, हरिद्वार और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पु ल, बाँध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से संबंधित ज़रूरतों को पूरा करती हैं।

वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। सफाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवंबर, 2008 में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (लगभग 1600 किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है।

नर्मदा

नर्मदा मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य में बहने वाली एक प्रमुख नदी है। महाकाल पर्वत के अमरकण्टक शिखर से नर्मदा नदी की उत्पत्ति हुई है। इसकी लम्बाई प्रायः 1310 किलोमीटर है। यह नदी पश्चिम की तरफ जाकर खम्बात की खाड़ी में गिरती है। इस नदी के किनारे बसा शहर जबलपुर उल्लेखनीय है।

जबलपुर के निकट भेड़ाघाट का नर्मदा जलप्रपात काफी प्रसिद्ध है। इस नदी के किनारे अमरकंटक, नेमावर, शुक्लतीर्थ आदि प्रसिद्ध तीर्थस्थान हैं जहाँ काफी दूर-दूर से यात्री आते रहते हैं।

नर्मदा नदी भारत में विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वतश्रेणियों के पूर्वी संधिस्थल पर मध्यप्रदेश के अमरकंटक नामक स्थान से निकलती है। यह विंध्याचल और सतपुड़ा के बीचोबीच पश्चिम दिशा की ओर प्रवाहित होती है तथा मंडला और जबलपुर से होकर गुजरती है। उद्गम से लेकर मुहाने तक इसकी कुल लंबाई प्रायः 1310 किलोमीटर है। यह सागरतल से 3000 फीट की ऊँचाई पर स्थित अमरकंटक (स्थिति: 22 डिग्री 41 मिनट उत्तरी अक्षांश तथा 81 डिग्री 48 मिनट पूर्वी देशान्तर) नामक स्थान के एक कुंड से निकलती है। यह कुंड मंदिरों के समूहों से घिरा है। रीवा जिले में 40 मील बहने के बाद यह रामनग की ओर बहती है।

मंडला के बाद उत्तर की ओर एक सँकरा चाप बनाती हुई यह जबलपुर की ओर मुड़ जाती है। इसके बाद 30 फीट ऊँचे धुँआधार नामक प्रपात को पार कर यह दो मील तक एक संकरे मार्ग से होकर बहने के बाद जलोढ़ मिट्टी के उर्वर मैदान में प्रवेश करती है, जिसे "नर्मदाघाटी" कहते हैं। यह घाटी विंध्य और सतपुड़ा पहाड़ियों के मध्य में स्थित है। जबलपुर और होशंगाबाद के बीच इसके किनारे 40 फुट तक ऊँचे हैं। इसी बीच में एक 340 फुट ऊँचा प्रपात भी है। पहाड़ियों से बाहर आने के बाद पुन: यह एक खुले मैदान में प्रवेश करती है। इसी स्थान पर आगे महेश्वर नामक नगर इसके किनारे बसा है। यहाँ उत्तरी किनारे पर कई मंदिर, महल एवं स्नानघाट बने हुए हैं। इसके बाद यह भरुच पहुँच कर अंत में खंभात की खाड़ी में गिरती है।

यमुना नद ी

भारतवर्ष की सर्वाधिक पवित्र और प्राचीन नदियों में यमुना की गिनती गंगा के साथ की जाती है। यमुना और गंगा के दोआब की पुण्यभूमि में ही आर्यों की पुरातन संस्कृतिका गौरवशाली रूप बन सका था।

पश्चिमी हिमालय से निकल कर उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा की सीमा के सहारे 95 मील का सफर कर उत्तरी सहारनपुर (मैदानी इलाका) पहुंचती है। फिर यह दिल्ली, आगरा से होती हुई इलाहाबाद में गंगा नदी में मिल जाती है।

ब्रजमंडल की तो यमुना एक मात्र महत्वपूर्ण नदी है। जहां तक ब्रज संस्कृति का संबध है, यमुना को केवल नदी कहना ही पर्याप्त नहीं है। वस्तुतः यह ब्रज संस्कृति की सहायक, इसकी दीर्ध कालीन परम्परा की प्रेरक और यहा की धार्मिक भावना की प्रमुख आधार रही है।

नदी की गहराई

नदी यमुना एक काफी गहरी, एक उथले गहराई है, यह औसत गहराई 10 फीट (3 मीटर) और अधिकतम गहराई 35 फीट (11 मीटर) है। दिल्ली के निकट नदी में, यह अधिकतम गहराई 68 फीट (20 मीटर) है। आगरा में, यह गहराई 3 फुट है (1 मीटर) है।

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