सोनू एक आलसी लड़का था| वह अपना समय यूँ ही
आवारागर्दी करने में व्यतीत करता था। इस कारण वह
हमेशा..
एक लघु कथा (कहानी) की रचना 150-160 शब्दों में
कीजिए
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Explanation:
सोनू एक आलसी लड़का था वह अपने समय यूं ही आवारागर्दी करने में व्यतीत करता था इस कारण वह हमेशा पढ़ाई में पीछे था उसके दोस्त भी उसके साथ आवारागर्दी करते थे तथा उसके सहपाठी उसकेपरीक्षा में कम अंक आने पर उसे चिढ़ाते थे उसे बहुत बुरा लगता था लेकिन फिर वह अपने दोस्तों के साथ फिर से आवारागर्दी करने निकल पड़ता था एक दिन एक rohanने उससे पूछा कि तुम्हारा पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता उसने कहा मेरा पढ़ाई में मन नहीं लगता तुम्हें क्या है मैं जो करता हूं अपनी मर्जी से करता हूं यह बात सुनकर Rohan को बहुत गुस्सा आया लेकिन उसने एक तरकीब सोची और उसे मजाक खाने के बारे में सोचा और उसके दोस्तों को भी सही मार्ग पर लाने के लिए सोचा यूं ही दो-तीन दिन बीत गए सोनू भी वैसे ही करता था जैसे मैं पहले अपने दोस्तों के साथ आवारागर्दी करता था उसके व्यवहार में कोई भी सुधार नहीं था फिर रोहन ने उससे एक सड़ा हुआ शेर और एक ताजे apples की टोकर samne लाकर रख दी फिर क्या था सोनू ने उससे पूछा कि तुम itne sare apples का क्या कर रहे हो तो रोहन ने उससे कहा कि तुम यह चढ़ा हुआ सीन इन अच्छे और ताजे से वह की टोकरी में रख दो और तीन-चार दिन तक उससे मत छोड़ना फिर तीन-चार दिन बाद देखना सोनू ने भी वैसे ही करा जैसे उसके दोस्त रोहन ने उससे करने को कहा तीन-चार दिन बाद उसने देखा कि वह सारे के सारे से सड़ गए थे तो उसने रोहन से पूछा कि अब इनसे वो को मैं क्या करूं जब भी ताकत है तो मैं खा भी सकता था तो रोहन ने उससे कहा देखा ना एक सड़े हुए शेर ने पूरी टोकरी के ताजे से वो को भी चढ़ा दिया है इसी तरह तुम्हारे दोस्तों ने भी तुम्हें आलसी और आवारागर्दी करने वाले लड़कों की टोली में शामिल कर लिया है यह बुरी बात है अतः अगर तुम्हें भविष्य में अच्छा नागरिक बनना है तो तुम्हें इन बुरी आदतों को छोड़ना पड़ेगा उसके बाद से सोनू भी अच्छे मार्ग पर चल दिया और उसे देखते देखते उसके सारे दोस्त भी अच्छे मार्ग पर चल दिए
Explanation:
सोनू एक आलसी लड़का था। वह अपना समय भटकने में व्यतीत करता था। उसकी कभी कोई काम करने की इच्छा नहीं होती थी।
एक दिन उसे पैसों से भरा बैग मिला। वह बहुत खुश है। वह बिना किसी प्रयास के धन प्राप्त करने के लिए भाग्यशाली महसूस करता था। सोनू ने कुछ पैसे मिठाई खरीदने पर खर्च किए। फिर उसने कुछ कपड़े खरीदे। इस प्रकार, उसने जो भी धन प्राप्त किया था, उसे खर्च करना शुरू कर दिया। उसकी माँ ने कहा, "बेटा, इस पैसे को बर्बाद मत करो। इसका उपयोग कुछ व्यवसाय शुरू करने के लिए करें।"
लेकिन सोनू ने कहा, ''मेरे पास बहुत पैसा है. मुझे काम करने की कोई जरूरत नहीं है.''
सोनू ने धीरे-धीरे सारा पैसा खर्च कर दिया। अब उसके पास एक पैसा भी नहीं था। वह एक वर्ग में वापस आ गया था।
जल्द ही उन्होंने महसूस किया कि मुफ्त का पैसा इसके लायक नहीं था। मेहनत की कमाई ही इंसान का जीवन भर पेट भर सकती है।