स्नेह - सुरा से कवि का क्या आशय है
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स्नेह - सुरा से कवि का आशय है कि प्रेम की मादकता उन्हें उन्मुक्त किए हुए है तथा कवि उस मस्ती में झूमता रहता है।
- दिया गया प्रश्न " आत्म परिचय " कविता से लिया गया है ।
- कवि वर हरिवंश राय बच्चन जी इस कविता के रचयिता है।
- स्नेह सुरा से कवि का तात्पर्य है प्रेम की मादकता में हर क्षण कवि झूमता रहता है। कवि हर क्षण प्रेम का पागलपन महसूस करता है। कवि का मन झंकृत होता रहता है।
- कवि कहता है कि मै संसार का भार उठाए घूमता हूं फिर भी मेरा जीवन प्यार से भरा पूरा है। उनके जीवन में अनेक समस्याएं है किन्तु फिर भी प्रेम उनके मन में है तथा इस प्रेम ने एक सितार की तरह उनके मन को झंकृत किया है।
- कवि के अनुसार यह संसार अपूर्ण है क्योंकि सारा संसार स्वार्थी है।
- हर कोई यहां पर स्वार्थी है यह संसार उसी को पूछता है जो उसकी जय जयकार करता है।
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