India Languages, asked by KingUjjwal, 7 months ago

सैनिकाचे पाउल जिद्दीचे का वाटते​

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Answered by mittalraval580120
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Answer:

अपना फैसला दिया। यह फैसला हिन्दी विरोधी एवं हिन्दी समर्थकों के बीच 'मुंशी-आयंगार फॉर्मूले' के द्वारा समझौते के परिणामस्वरूप सामने आया, जिसकी प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार थीं-

(1) हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं बल्कि राजभाषा है।

(2) संविधान के लागू होने के दिन से 15 वर्षो की अवधि तक अंग्रेजी बनी रहेगी।

(3) एक अस्पष्ट निर्देश (अनु० 351) के आधार पर हिन्दी एवं हिन्दुस्तानी के विवाद को दूर कर लिया गया।

संविधान में भाषा-विषयक उपबंध अनु० 120 अनु० 210 एवं भाषा-विषयक एक पृथक भाग- भाग 17 (राजभाषा) के अनु० 343 से 351 तक एवं 8वीं अनुसूची में दिए गए हैं। संविधान के ये भाषा-विषयक उपबंध हिन्दी, अंग्रेजी एवं प्रादेशिक

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