सैनिकों की देशवासीयों से क्या-क्या अपेक्षाएं हैं ? Please please answer this I really need help!!
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सैनिक अपने आखिरी सन्देश में कह रहें है कि वो अपने प्राणों को देश हित के लिए न्योछावर कर रहें है ,अब यह देश हम जाते जाते आप देशवासियों को सौंप रहें हैं। सैनिक उस दृश्य का वर्णन कर रहें है जब दुश्मनों ने देश पर हमला किया था। सैनिक कहते है कि जब हमारी साँसे हमारा साथ नहीं दे रही थी और हमारी नाड़ियों में खून जमता जा रहा ,फिर भी हमने अपने बढ़ते क़दमों को जारी रखा अर्थात दुश्मनों को पीछे धकेलते गए। सैनिक गर्व से कहते है कि हमें अपने सर भी कटवाने पड़े तो हम ख़ुशी ख़ुशी कटवा देंगे पर हमारे गौरव के प्रतिक हिमालय को नहीं झुकने देंगे अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम नहीं पड़ने देंगे। हम मरते दम तक वीरता के साथ दुश्मनों का मुकाबला करते रहे अब इस देश की रक्षा का भार आप देशवासियों को सौंप रहे हैं।सैनिक देश के नौजवानों को प्रेरित करते हुए कहते हैं कि सुंदरता और प्रेम का त्याग करना सीखो क्योंकि वो सुंदरता और प्रेम ही क्या ,जवानी ही क्या जो देश के लिए अपना खून न बहा सके। सैनिक देश की धरती को दुल्हन की तरह मानते है और कहते है कि जिस तरह दुल्हन को स्वयंवर में हासिल करने के लिए राजा किसी भी मुश्किल को पार कर जाते थे उसी तरह तुम भी अपनी इस दुल्हन को दुश्मनों से बचा कर रखना। क्योंकि अब हम देश की रक्षा का दायित्व आप देशवासियों पर छोड़ कर जा रहे हैं।अब ये देश आप देशवासियों को सौंप रहे हैं अब आप अपने सर पर मौत की चुनरी बांध लो अर्थात अब आप देश की रक्षा के लिए तैयार हो जाओ।
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