Hindi, asked by umeshkumarumeshkumar, 10 months ago

सिनेमा के लाभ और हानि पर निबंध

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Answered by Abhis506
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चलचित्र (सिनेमा) के लाभ व हानियाँ

मनुष्य के लिए मनोरंजन अत्यन्त आवश्यक है | आधुनिक युग में विज्ञान ने मानव को मनोरंजन  के अनेक साधन प्रदान किए है जैसे रेडियो , दूरदर्शन , फोटोग्राफी , चित्रकला, खेलकूद व् प्रदर्शनियाँ आदि | इनमे सबसे अधिक लोकप्रिय व् सस्ता साधन चलचित्र है | आज के युग में इसका अपना विशेष स्थान है | यह वह साधन है जहाँ धनी हो या निर्धन , एक टिकट खरीद कर दो – तीन घण्टे का समय एकान्त – शान्त व्यतीत कर सकता है |

चलचित्र जहाँ एक और मनोरंजन का अच्छा साधन है वहाँ दूसरी और शिक्षा का एक अच्छा माध्यम भी है | जिस वस्तु का जितना ज्ञान आँखों से देखकर होता है उसका उतना प्रभाव उस विषय को पढकर या सुनकर नही होता | विज्ञान , भूगोल, इतिहास आदि के पाठ विभिन्न देशो के रहन-सहन , वेशभूषा , परम्पराएँ व एतिहासिक स्थलों के चित्र हमारे ह्रदय – पटल पर अत्यधिक प्रभाव डालते है | चलचित्र में प्रयुक्त अच्छी – सी कहानी , सुन्दर गीत या कविता , कर्णप्रिय संगीत और छायाचित्रों के माध्यम से प्रकृति के सुन्दर-से सुंदर दृश्य देखने को मिलते है | ठाठे मारता हुआ समुद्र , बर्फ से ढकी पहाड़ो की चोटियाँ , लहलहाते हुए हरे – भरे खेत , कलकल करते हुई नदियाँ , वन उपवनो में पशु – पक्षियों को अठखेलियाँ आदि मनोहारी दृश्य चलचित्र के पर्दे पर साकार हो उठते है | और हम उनका थोड़े से समय में तथा एक ही स्थान पर बैठे हुए भरपूर आनन्द प्राप्त कर लेते है | चलचित्र से हमारे ज्ञान में वृद्धि होती है | जिन कुरीतियों को दूर करने में महान उपदेशक , प्रचारक तथा शिक्षक असफल हो जाते है उनको दूर करने में शिक्षाप्रद फिल्मे बहुत सहायक सिद्ध हुई है | अच्छे चित्र सामजिक चेतना तथा राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करते है तथा परिवारिक समस्याओं को सुलझाने में सहायता करते है | मदर इण्डिया , झांसी की रानी, जागृति , उपकार, शहीद भगतसिंह जैसे अनेक चित्रों ने हमे बहुत प्रभावित किया है | चलचित्र द्वारा विज्ञापन देकर व्यापार में भी आशातीत सफलता प्राप्त की जा सकती है | भारत सरकार के फ़िल्म प्रभाग द्वारा बनाए गे ‘वृत्तचित्र’ इस दिशा में अच्छा योगदान कर रहे है |

चलचित्र का दूसरा पहलू हानिकारक है | पैसा कमाने के लोभ में फ़िल्म निर्माता ऐसे चित्र बना डालते है जिन्हें देखकर देश के नवयुवको का चारित्रिक पतन होने लाता है | विद्दार्थियो में सिनेमा देखने की बुरी आदत पड़ जाती है जिससे वे विद्दालय से भाग कर तथा घर से पैसे चुराकर सिनेमा देखने जाने लगते है | उनकी आँखों पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है | वे चोरी, डकैती , अपहरण, कत्ल, बलात्कार आदि के दृश्य देखकर उनका अनुकरण करने का प्रयास करते है | अंत : चलचित्रों के चयन और उपयोग सोच- समझकर किया जाना चाहिए |

Answered by AnkitaSahni
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चलचित्र बनाने की कला या तकनीक को सिनेमा कहते हैं। इसका अर्थ विशेष रूप से फिल्मों के प्रदर्शन के लिए एक जगह भी हो सकता है।

  • सिनेमा के लाभ: जनसंचार के प्रमुख साधनों में से एक। एक फिल्म हमें टीम वर्क के गुणों के बारे में शिक्षित करती है। सूचना और मनोरंजन के लिए लोकप्रिय मीडिया।फिल्में हमारी कल्पना को चुनौती देती हैं और हमें संभावनाओं के दायरे से बाहर ले जाती हैं। सिनेमा का उपयोग हमें दुनिया के विभिन्न रीति-रिवाजों, संस्कृतियों और परंपराओं के बारे में सिखाने के लिए किया जा सकता है। एक सफल फिल्म इसके निर्माण में शामिल कई लोगों के जीवन को पूरी तरह से बदल सकती है। कई संघर्षरत अभिनेताओं को सिर्फ एक हिट के साथ बड़े पैमाने पर हिट करने के लिए जाना जाता है।
  • सिनेमा के नुकसान: लगातार बढ़ते उपभोक्तावाद के साथ, ऐसा लगता है कि सिनेमा अपना मूल उद्देश्य खो चुका है। कुछ फिल्में सच्चे तथ्यों को विकृत करती हैं और कलात्मक स्वतंत्रता की आड़ में लोगों के बीच झूठे राष्ट्रों को चित्रित करती हैं। सभी फिल्में देखने लायक नहीं होती हैं।कुछ फिल्में किसी सामाजिक संदेश और प्रासंगिकता से रहित होती हैं। कुछ दृश्यों का बच्चों और नाबालिगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

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