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निम्नलिखित गद्यांश की सन्दर्भ प्रसंग एवं विशेष सहित व्याख्या कीजिए
"मोहन उनका चहेता शिष्य था। पुरोहित खानदान का कुशाग्र बुद्धि का बालक पढ़ने
में ही नहीं, गायन में भी बेजोड़। त्रिलोक सिंह मास्टर ने उसे पूरे स्कूल का मॉनीटर
बना रखा था। वही सुबह-सुबह हे प्रभो आनंद दाता ज्ञान हमको दीजिए। का
पहला स्वर उठाकर प्रार्थना शुरू करता था।
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निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या संदर्भ-प्रसंग सहित लिखिए
"मोहन उनका चहेता शिष्य था। पुरोहित खानदान का कुशाग्र बुद्धि का बालक पढ़ने
में ही नहीं गायन में भी बेजोड़ था। त्रिलोक सिंह मास्टर ने उसे पूरे स्कूल का
मॉनीटर बना रखा था। वही सुबह-सुबह हे प्रभो आनंद दाता! ज्ञान हमको दीजिए।'
का पहला स्वर उठाकर प्रार्थना शुरू करता था।"
संदर्भ : यह गद्यांश गलता लोहा पाठ से लिया गया है | यह पाठ शेखर जोशी द्वारा लिखा गया है | गलता लोहा पाठ के आधार पर पहाड़ी गांव में जीवन व्यतीत करने में बहुत समस्याएँ आती है|
प्रसंग : गद्यांश में मोहन के बारे में बताया गया है | मोहन पढ़ने में बहुत अच्छा था |
व्याख्या : मोहन पाठशाला में सभी शिक्षकों का चहेता शिष्य था | वह पुरोहित खानदान का पढ़ने में तेज बुद्धि का बालक था | वह पढ़ाई के साथ वह गाना भी बहुत अच्छा गाता था | पाठशाला में त्रिलोक सिंह मास्टर ने उसे पूरे स्कूल का मॉनीटर बना रखा था। वह सुबह-सुबह प्रभु का नाम लेता था | वह अपने दिन की शुरुआत प्रार्थना से शुरू करता था।