सुनामी पर निबंध 300 शब्दों में
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सुनामी एक ऐसी घटना है जिसमें कई बार पानी में उठने वाली तेज लहरों की एक श्रृंखला कई मीटर तक ऊंचाइयों तक पहुंच जाती है। यह एक प्राकृतिक आपदा है जो महासागर के बिस्तरों में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण होती है। इसके अलावा, भूस्खलन और भूकंप जैसी घटना सूनामी के कारणों में योगदान करती है।
भूकंप के कारण समुद्र में उत्पन्न होने वाली तरंगों के कारण होने वाली आपदा और जिसका मुख्य बिंदु पानी के नीचे है, ‘सुनामी’ के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, सुनामी शब्द ज्वारीय तरंगों से जुड़ा है। इस प्रकार, एक सुनामी को समुद्र की लहरों की श्रृंखला के रूप में भी कहा जाता है जिसमें बहुत लंबी तरंग दैर्ध्य होती है। सुनामी की वजह से पानी की तेज लहरें बनती हैं और यह जमीन की ओर बढ़ता है। तो, यह पानी के अंतर्देशीय आंदोलन का कारण बनता है जो बहुत अधिक है और लंबे समय तक रहता है। इस प्रकार, इन तरंगों का प्रभाव भी बहुत अधिक है।
सूनामी के प्रभावों का दावा करने वाले ग्रीक धरती पर पहले लोग थे। उनका दावा है कि सुनामी जमीन के भूकंप की तरह है। साथ ही, सुनामी और भूकंप के बीच एकमात्र अंतर यह है कि सुनामी महासागरों में होती है। इस प्रकार, सूनामी के पैमाने और किण्वन को नियंत्रित करना लगभग असंभव है।
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Explanation:
सुनामी एक तरह की प्राकृतिक विपदा है जो जन जीवन का सर्वनाश कर देती है। यह एक ऐसी आपदा है जिसमे समुन्दर के तल में भयंकर कम्पन होता है। तेज़ और बड़ी लहरों की श्रृंखला आसमान की उंचाईयों तक जैसी पहुँच जाती है और विनाश का रूप धारण कर लेती है। भूकंप की वजह से सुनामी जैसे प्राकृतिक आपदा जन्म लेते है। इतिहास गवाह है कि सुनामी कितनी खतरनाक है। समुद्र के सतह पर उत्पन्न होने वाली लगातार तरंगे , जिसका प्रमुख बिंदु जो पानी के बिलकुल नीचे उपलब्ध है , उसे सुनामी कहा जाता है। सुनामी के कारण पानी की लहरो का निर्माण तीव्रता से होता है। फिर यह जमीन के निकटम इलाको तक पहुँचता है और कहर बरसाता है।
ग्रीक लोगो ने सुनामी का दावा सबसे पहले किया था। दरअसल सुनामी भूकंप की तरह होती है। भूकंप जो समुंद्रतल में आती है , उसे सुनामी कहा जाता है। सुनामी समुद्र और महासागरों में आती है। समुद्री लहरें 11 मीटर और 18 मीटर तक ऊँची होती है। यह समुद्री तटों पर आफत मचाता है। साल 2004 में हिन्द महासागर में सुनामी लहरों की वजह से लगभग तीन लाख लोगों की मौत हो गयी थी।
सुनामी ने कई देशो में जैसे भारत , थाईलैंड , मालदीव , मलेशिया , सोमालिया , बांग्लादेश इत्यादि देशो में भयंकर विनाश किया था। सुनामी समुद्र में तैरने वाले नावों , बड़े बड़े जहाजों सब को खत्म कर देती है। पेड़ पौधे नष्ट हो जाते है। समुद्री तटों से सटे क्षेत्रों में बसे गाँव , बस्तियों , मकान , विशाल इमारतों को पल भर में तबाह कर देती है। सुनामी के नाम से लोग कापने लगते है। सुनामी बड़े बड़े शहरों को भी नष्ट कर देती है। जान माल का बहुत नुकसान होता है।
झीलों के जल में भी सुनामी की विनाशकारी और भयंकर लहरें उतपन्न होती है। यह तट के पास विशाल हो जाता है। झीलों में उठने वाले लहरें समुद्री लहरों की तरह इतने भयावह नहीं होते है। झीलों में पैदा हुयी लहरें इतना दूर नहीं जाती है और समुद्र में आयी लहरें प्रमुख बिंदु से कई दिशाओ में यात्रा करती है। इससे विनाश का तांडव देखा जाता है। आज तक की सबसे ऊँची सुनामी अलास्का के खाड़ी में हुयी थी। इसके कारण एक बहुत बड़ा चट्टान खाड़ी में गिर गया था। लहरो की ऊंचाई तकरीबन 524 मीटर दर्ज की गयी थी।
साल 2004 में भयानक सुनामी हमारे देश ने भी देखी थी । इस भयावह सुनामी बिंदु की उत्पत्ति इंडोनेशिया से हुयी थी । इसमें लाखो लोगो की मौत हो गयी थी । इस सुनामी ने अपने मुख्य बिंदु से होते हुए कई देशो तक यात्रा की और विनाश किया । थाईलैंड , मालदीव और बांग्लादेश भी इसकी चपेट में आ गए थे । समुद्र के जल में घर, कार , वाहन , दुकानों के ज़रूरी वस्तुएं सब बह जाते है। कई लोग पानी में बह जाते है और उनकी मौत हो जाती है। सुनामी कब आएगा यह किसी के लिए भी बता पाना बेहद मुश्किल है।
जैसे ही सुनामी आती है , मनुष्य से पूर्व पशुओं को इसके आने का अंदेशा हो जाता है। इसलिए वह सुरक्षित जगहों पर चले जाते है। समंदर तट के निकट क्षेत्रों में रहने वाले लोगो को जानवरो के बदलते व्यवहारों पर नज़र रखनी चाहिए।
सुनामी की चेतावनी और उसका आभास होते ही लोगो को अपने सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। जहाँ तक हो सके लोगो को ऊँची जगह यानी छतो पर आश्रय लेना चाहिए।कुछ लोग बहुत बेवफकूफी करते है और खड़े होकर सुनामी का भयावह नज़ारा देखते है। वह ऐसे दृश्यों की फोटो खींचते है और मोबाइल में कैद कर लेते है। ऐसे में कई लोग इस सुनामी जैसे हादसे की बलि चढ़ जाते है। लहरें इतनी तेज़ होती है कि लोगो को डूबा ले जाती है। उन स्थानों पर जहाँ सुनामी आने के प्रबल अनुमान किये जाते है , सरकार को आपातकालीन निकासी योजना बनानी चाहिए। इससे लोगो को सुरक्षित निकाला जा सकता है।
वर्ष 2007 में देश ने कई जगहों पर सुनामी चेतावनी सिस्टम लगवाए है। यह ऐसी कोई आपदा होने से पहले लोगो को सतर्क कर देता है। देश को ज़रूरत है कि वह आधुनिक चेतावनी सिस्टम लगाने के बारे में गौर करे। सुनामी यंत्रो को लगाने से सुनामी जैसे विपदाओं के विषय में लोगो को सचेत किया जाता है। सुनामी चेतावनी अगर सरकार द्वारा दी जाती है , उसे मानना भी ज़रूरी हैl
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