Hindi, asked by Anonymous, 2 months ago

सेनानी ना होते भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे​

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Answered by manojchauhanma2
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Answer:

उत्तर-सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग इसलिए कैप्टन कहते थे, क्योंकि 1. उसके मन में देशभक्ति एवं देश-प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी।

Answered by shishir303
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‘स्वयं प्रकाश’ द्वारा लिखित “नेताजी की चश्मा” कहानी में कैप्टन नाम का व्यक्ति कोई सेना का वास्तविक कैप्टन नही था, बल्कि उसकी देशभक्ति से संबंधित हरकतों के लिये लोग उसे कैप्टन कहते थे।

व्याख्या :

कैप्टन एक बूढ़ा, लंगड़ा, कमजोर सा गरीब आदमी था, जो चश्मा बेचने का काम करता था। वो नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति के आसपास ही चश्मा बेचने का अपना धंधा-फेरी लगाता था। चूंकि नेताजी की पत्थर की मूर्ति पर मूर्तिकार चश्मा बनाना भूल गया था, इसलिये कैप्टन चश्मे वाला अपना कोई चश्मा नेताजी की मूर्ति पर लगा देता था, क्योंकि नेताजी के चेहरे पर चश्मा होना नेताजी के व्यक्तित्व की पहचान थी।, इसलिये वो चश्मे वाले ने अपना कोई चश्मा नेता जी की मुर्ति को पहना दिया करता था। ये उसकी नेताजी के प्रति सम्मान और देशभक्ति की भावना प्रकट करती थी। किसी ग्राहक द्वारा मूर्ति पर चढ़ा हुआ जैसा चश्मा मांगने पर कैप्टन वो चश्मा उतार कर ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर कोई दूसरा चश्मा चढ़ा देता।

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