सुनी-पढ़ी अंधविश्वास की किसी घटना में निहित आधारहीनता और अवैज्ञानिकता का विश्लेषण
करके लिखिए।
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सुनी-पढ़ी अंधविश्वास की किसी घटना में निहित आधारहीनता और अवैज्ञानिकता का विश्लेषण करके लिखिए।
मैं बहुत समय के बाद गाँव गई थी| मैंने वहाँ पर देखा कि सभी लोग सुनी-पढ़ी अंधविश्वास जैसी बातों पर बहुत विश्वास करते है| उस गाँव के लोग किसी की बात नहीं मानते थे| यदि उस गाँव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो वह लोग उसे अस्पताल लेने के बजाए वह उसे साधु बाबा के पास लेकर जाते है| वह अंधविश्वास में बहुत विश्वास रखते है|
वहाँ पर लोग दिनों के हिसाब से कार्य करते है| जैसे मंगलवार को यह कार्य नहीं करना है| इस दिन यह खाना नहीं खाना है| घर की महिलाएं घर बहार नहीं जा सकती है| गाँव में लड़कियों के लिए अलग नियम बनाए जाते है|
मैंने उन लोगों को समझाने का प्रयास किया, साधु बाबा के पास जाना , हवन करवाना और आधारहीनता और अवैज्ञानिकता जैसे कार्य करना यह गलत है| इस तरह से समय और पैसे की बर्बादी है| यह सब गलत कार्य करने से जीवन नहीं जिया जाता है| जीवन जीने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है| शिक्षक व्यक्ति कभी भी आधारहीनता और अवैज्ञानिकता वाले कार्य नहीं करता | जिन कार्यों का कोई आधार नहीं होता है वह उस कार्यों पर समय बरबाद नहीं करता है|
शिक्षा और बदलाव ही आधारहीनता और अवैज्ञानिकता वाले कार्यों से पीछा छोड़ सकते है| लोगों को समझना होगा इन सब बातों पर समय बर्वाद करना बहुत गलत है|