‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में कहा गया है की ‘कटाओ’ पर किसी दुकान का न होना वरदान है। ऐसा क्यों? भारत के अन्य प्राकृतिक स्थानो को वरदान बनाने में नवयुवकों की क्या भूमिका हो सकती है? स्पष्ट कीजिए।
(Class 10 HINDI A Sample Question Paper)
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‘कटाओ’ पर किसी भी दुकान का न होना उसके लिए वरदान है। ‘कटाओ’ को भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है यहां की प्राकृतिक सुंदरता हसीन है इसे देखकर सैलानी स्वयं को ईश्वर के निकट समझते हैं। वहां उन्हें अद्भुत शांति मिलती है। यदि वहां पर दुकानें खुल जाती हैं तो लोगों को भीड़ बढ़ जाएगी जिससे वहां गंदगी और प्रदूषण फैलेगा। लोग सफाई संबंधी नियमों का पालन नहीं करते। वस्तुएं खा पीकर व्यर्थ का सामान इधर उधर फेंक देते हैं। लोगों का आना-जाना बढ़ने से जैसे युमथांग में स्नोफॉल कम हो गया है वैसे यहां पर भी होने की संभावना है। ‘कटाओ’ के वास्तविक स्वरुप में रहने के लिए वहां किसी भी दुकान का न होना अच्छा है।
आज के नवयुवक विशेष अभियान चलाकर प्राकृतिक स्थानों को गंदगी मुक्त करके अपना योगदान दे सकते हैं। वे पर्यटकों तथा अन्य लोगों को प्राकृतिक वातावरण की सुरक्षा के प्रति जागरुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
आज के नवयुवक विशेष अभियान चलाकर प्राकृतिक स्थानों को गंदगी मुक्त करके अपना योगदान दे सकते हैं। वे पर्यटकों तथा अन्य लोगों को प्राकृतिक वातावरण की सुरक्षा के प्रति जागरुक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
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