सुन्दर काण्ड का परिचय दीजिए
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सुंदरकाण्ड मूलतः वाल्मीकि कृत रामायण का एक भाग (काण्ड या सोपान) है। गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस तथा अन्य भाषाओं के रामायण में भी सुन्दरकाण्ड उपस्थित है। सुन्दरकाण्ड में हनुमान द्वारा किये गये महान कार्यों का वर्णन है। रामायण पाठ में सुन्दरकाण्ड के पाठ का विशेष महत्व माना जाता है। सुंदरकाण्ड में हनुमान का लंका प्रस्थान, लंका दहन से लंका से वापसी तक के घटनाक्रम आते हैं। इस सोपान के मुख्य घटनाक्रम है – हनुमानजी का लंका की ओर प्रस्थान, विभीषण से भेंट, सीता से भेंट करके उन्हें श्री राम की मुद्रिका देना, अक्षय कुमार का वध, लंका दहन और लंका से वापसी। रामायण में सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। संपूर्ण रामायण कथा श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है किन्तु सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है, जो सिर्फ हनुमानजी की शक्ति और विजय का कांड है।.
हनुमानजी के वीरता से ओतप्रोत समस्त गुणगान तुलसी कृत “रामचरित मानस” में सुन्दरकाण्ड के अंतर्गत प्राप्त होता है | सुंदरकाण्ड में जाम्बवंतजी के द्वारा हनुमानजी को उनकी शक्ति का स्मरण कराना, विशाल समुद्र लांघने हेतु हनुमानजी का तत्पर होना, हनुमानजी का लंका की ओर प्रस्थान, मार्ग में सुरसा नामक राक्षसी द्वारा आशीर्वाद प्राप्त करना (जो देवताओं ने हनुमानजी का बुद्धि-बल परखने हेतु भेजी थी | ) इत्यादि घटनाओं का वर्णन है | इस सोपान के अन्य घटनाक्रम इस प्रकारहै – रामदूत श्री हनुमानजी का मच्छर का रूप बनाकर लंका में प्रवेश, लंकिनी को मुष्टिका प्रहार, विभीषण से भेंट, सीताजी से भेंट करके उन्हें श्रीराम की मुद्रिका देना, तथा उनसे रामजी के लिए चूड़ामणि प्राप्त करना, अक्षयकुमार का वध, मेघनाद के ब्रम्हास्त्र द्वारा मूर्छित होकर रस्सी से बंधना, रावण-दरबार मे उसे श्रीराम की महिमा सुनाकर समझाना इत्यादि | अंततः लंका-दहन और लंका से वापसी । संपूर्ण राम-कथा श्रीराम के गुणों और उनके पुरुषार्थ को दर्शाती है किन्तु सुंदरकांड एकमात्र ऐसा कांड है, जिसमें श्रीहनुमानजी की वीरतापूर्णयशोगाथाएँ है |