) सेन वंश के शासकों ने साहित्य को किस प्रकार संरक्षण दिया?
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Explanation:
सेन राजवंश भारत का एक राजवंश का नाम था, जिसने १२वीं शताब्दी के मध्य से बंगाल पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। सेन राजवंश ने बंगाल पर १६० वर्ष राज किया। अपने चरमोत्कर्ष के समय भारतीय महाद्वीप का पूर्वोत्तर क्षेत्र इस साम्राज्य के अन्तर्गत आता था। इस वंश का मूलस्थान कर्णाटक था।[3] इस काल में कई मन्दिर बने। धारणा है कि बल्लाल सेन ने ढाकेश्वरी मन्दिर बनवाया। कवि जयदेव (गीतगोविन्द का रचयिता) लक्ष्मण सेन के पञ्चरत्न थे।
सेन राजवंश भारत का एक राजवंश का नाम था, जिसने 12 वीं शताब्दी के मध्य से बंगाल पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया था । अपने चरमोत्कर्ष के समय भारतीय महाद्वीप का पूर्वोत्तर क्षेत्र इस साम्राज्य के अन्तर्गत आता था। इस वंश का मूलस्थान कर्णाटक था।लक्ष्मण सेन सेन राजवंश के उत्तराधिकारी थे | लक्ष्मण सेन ने साहित्यिक गतिविधियों को मंदिर बनवा कर संरक्षण दिया। लक्ष्मण सिंह के समय उनके दरबार में गीत गोविंद नाम के लेखक थे और प्रसिद्ध वैष्णव कवि जयदेव उनके दरबार में थे। इसके अलावा पवनदूत ग्रंथ के लेखक धोयी तथा आर्यशप्त के लेकर गोवर्धन उनके दरबार के नामचीन कवि थे।
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