सून्य कोटि की अभिक्रिया के लिए दर स्थिरांक का व्यंजक ज्ञात कीजिए
Answers
Answer:
(zero order reaction in hindi) शून्य कोटि की अभिक्रिया का सूत्र , मात्रक , इकाई क्या है , अर्द्ध आयु काल , समाकलित वेग समीकरण : वह अभिक्रिया जिसका वेग इसके क्रियाकारकों की सांद्रता पर निर्भर नहीं करता है , उसे शून्य कोटि की अभिक्रिया कहते है।
अर्थात ऐसी अभिक्रिया में वेग का मान सान्द्रता की शून्य घात के समानुपाती होता है।
अर्थात ऐसी रासायनिक अभिक्रिया जो क्रियाकारक की सांद्रता से स्वतंत्र होती है अर्थात वेग का मान सांद्रता पर निर्भर नहीं करता है , अर्थात ऐसी अभिक्रिया जिसमें क्रियाकारक की सांद्रता को बढ़ाने या कम करने से इसके वेग में कोई परिवर्तन न हो तो ऐसी अभिक्रिया को शून्य कोटि की अभिक्रिया कहा जाता है।
या हम कह सकते है कि अभिक्रिया का वेग एक निश्चित गति से चलता रहता है अर्थात अभिक्रिया स्थिर वेग से चलती रहती है।
परिभाषा : “वह अभिक्रिया जिसका वेग स्थिर रहता है उसे शून्य कोटि की अभिक्रिया कहते है। ”
माना एक शून्य कोटि की अभिक्रिया निम्न है –
A → B
चूँकि यह शून्य कोटि की अभिक्रिया है अत: इस अभिक्रिया का वेग क्रियाकारक (A) की सांद्रता पर निर्भर नहीं करेगा या वेग का मान क्रियाकारक (A) की सान्द्रता की शून्य घात के समानुपाती होता है
इस समीकरण को निम्न प्रकार लिखा जा सकता है –
d[A] = -kdt
दोनों तरफ समाकलन पर करने पर
[A] = – k t + C
यहाँ C को समाकलन स्थिरांक कहते है।
समाकलन स्थिरांक का मान ज्ञात करने के लिए , माना t = 0 पर क्रियाकारक की सांद्रता का मान [A]0 है , अर्थात क्रियाकारक की प्रारंभिक सान्द्रता [A]0 है।
t = 0 और [A] = [A]0 दोनों मान समीकरण में रखने पर
[A]0 = –k × 0 + C
[A]0 = C
यह मान c का प्राप्त होता है जिसे ऊपर वाली समीकरण में c के स्थान पर रखते है तो वह समीकरण निम्न प्रकार प्राप्त होती है –
[A] = – k t + [A]0
यह समीकरण y = mx + c की तरह की प्राप्त होती है जो सरल रेखा की समीकरण के भांति है।