संन्यास और गृहस्थ जीवन की तुलना कर के लिखिए-
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संन्यास (ISO 15919: Saṁnyāsa , Saṁnyās ), सनातन धर्म में जीवन के चार भाग (आश्रम) किए गए हैं- ब्रह्मचर्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम और संन्यास आश्रम। संन्यास आश्रम का उद्देश्य मोक्ष की प्राप्ति है। सन्यास का अर्थ सांसारिक बन्धनों से मुक्त होकर निष्काम भाव से प्रभु का निरन्तर स्मरण करते रहना। शास्त्रों में संन्यास को जीवन की सर्वोच्च अवस्था कहा गया है।
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