स्न9. छोटा नागपुर क्षेत्र में अंग्रेजों के विरोध में हुए आंदोलन में शहीद विरसा मुण्डा को भूमिकाको लिखिए।
Answers
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 के दशक में छोटा किसान के गरीब परिवार में हुआ था। मुंडा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार (झारखण्ड) निवासी था। बिरसा जी को 1900 में आदिवासी लोंगो को संगठित देखकर ब्रिटिश सरकार ने आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 2 साल की सजा दी गई थी। और अंत में 9 जून 1900 को लगभग सुबह 8 बजे मे अंग्रेजो द्वारा उन्हें जहर देने के कारण उनकी मौत हो गई।
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 के दशक में छोटा किसान के गरीब परिवार में हुआ था। मुंडा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार (झारखण्ड) निवासी था। बिरसा जी को 1900 में आदिवासी लोंगो को संगठित देखकर ब्रिटिश सरकार ने आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 2 साल की सजा दी गई थी। और अंत में 9 जून 1900 को लगभग सुबह 8 बजे मे अंग्रेजो द्वारा उन्हें जहर देने के कारण उनकी मौत हो गई।आरंभिक जीवन :-
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 के दशक में छोटा किसान के गरीब परिवार में हुआ था। मुंडा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार (झारखण्ड) निवासी था। बिरसा जी को 1900 में आदिवासी लोंगो को संगठित देखकर ब्रिटिश सरकार ने आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 2 साल की सजा दी गई थी। और अंत में 9 जून 1900 को लगभग सुबह 8 बजे मे अंग्रेजो द्वारा उन्हें जहर देने के कारण उनकी मौत हो गई।आरंभिक जीवन :-इनका जन्म मुंडा जनजाति के गरीब परिवार में पिता-सुगना पुर्ती(मुंडा) और माता-करमी पुर्ती(मुंडाईन) के सुपुत्र बिरसा पुर्ती (मुंडा) का जन्म 15 नवम्बर १८७५ को झारखण्ड के राँची के खूंटी जिले के उलीहातू गाँव में हुआ था। साल्गा गाँव में प्रारम्भिक पढाई के बाद वे चाईबासा जी0ई0एल0चार्च(गोस्नर एवंजिलकल लुथार) विधालय में पढ़ाई किया था। इनका मन हमेशा अपने समाज की यूनाइटेड किंगडम|ब्रिटिश शासकों द्वारा की गयी बुरी दशा पर सोचते रहते थे। उन्होंने मुण्डा|मुंडा लोगों को अंग्रेजों से मुक्ति पाने के लिये अपना नेतृत्व प्रदान किया। १८९४ में मानसून के छोटा नागपुर पठार|छोटानागपुर में असफल होने के कारण भयंकर अकाल और महामारी फैली हुई थी। बिरसा ने पूरे मनोयोग से अपने लोगों की सेवा की। आर्थत आंधविशवस जैसे भूत प्रेत डाईन प्रथा से दुर करने के लिय लोंगों को प्रेरित किया करते थे ।