स्पंज जेम्यूल के महत्व का वर्णन कीजिए।
Answers
Answered by
1
Answer:
स्पंज एक अमेरूदण्डी, पोरीफेरा संघ(छिद्रयुक्त जीवधारी) का समुद्री जीव है। यह मीठे एवं खारे पानी में पाया जाता है। यह जन्तु निबह (कालोनी) बनाकर अपने आधार से चिपके रहते हैं। यह एक मात्र ऐसे जन्तु हैं जो चल फिर नहीं सकते हैं। ये लाल एवं हरे आदि कई रंगो के होते हैं। इनका शरीर पौधों की तरह शाखा-प्रशाखा युक्त होता है। इनके शरीर पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिससे होकर जल ऑक्सीजन तथा भोज्य पदार्थ शरीर में प्रवेश करता है, इसे ऑस्टिया कहते हैं। इनके अग्रभाग पर एक बड़ा छिद्र होता है, जिससे जल बाहर निकलता है, इसे उस्कुलम कहते हैं।साइकॉन,यूप्लेक्टेला तथा स्पोंजिला पोरीफ़ेरा समूह के उदाहरण हैं। आलिएन्थस को काल्पनिक स्पंज कहते है।
Answered by
0
स्पंज जेम्यूल के महत्व
स्पष्टीकरण:
- जेम्यूल स्पोंज में पाई जाने वाली आंतरिक कलियां हैं और अलैंगिक प्रजनन में शामिल होती हैं।
- यह कोशिकाओं का एक अलैंगिक रूप से पुनरुत्पादित द्रव्यमान है, जो एक नए जीव यानी वयस्क स्पंज में विकसित होने में सक्षम है।
- जेम्यूल स्पोंज में पाई जाने वाली आंतरिक कलियां हैं और अलैंगिक प्रजनन में शामिल होती हैं। यह कोशिकाओं का एक अलैंगिक रूप से पुनरुत्पादित द्रव्यमान है, जो एक नए जीव यानी वयस्क स्पंज में विकसित होने में सक्षम है।
- अधिकांश स्पंज जीवित रहने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को प्राप्त करने के लिए फाइलर फीडिंग का उपयोग करते हैं।
- स्पंज पानी को अपने कॉलर कोशिकाओं के माध्यम से लेते हैं और पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं।
Similar questions