साँप के अनुसार लहरें क्या गा रही थी पाठ -17
कक्षा- 8
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लेखक कहते हैं कि यह नजारा देखकर साँप बहुत ही प्रसन्न होता था क्योंकि उसे ऐसा लगता था कि लहरों की गड़गड़ाहट के होते हुए भी वह सुखी और सुरक्षित है उसे किसी तरह का भय नहीं है, उसे किसी तरह का खतरा नहीं है। साँप यह सोचा करता था कि कोई उसे दुख नहीं दे सकता, वहाँ उसे कोई परेशानी नहीं थी, क्योंकि वह वहाँ सबसे अलग, सबसे दूर एकांत में रहता था और वह अपनी गुफा का स्वामी है, कोई उसे वहाँ से निकाल नहीं सकता था।
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लेखक कहते हैं कि यह नजारा देखकर साँप बहुत ही प्रसन्न होता था क्योंकि उसे ऐसा लगता था कि लहरों की गड़गड़ाहट के होते हुए भी वह सुखी और सुरक्षित है उसे किसी तरह का भय नहीं है, उसे किसी तरह का खतरा नहीं है। साँप यह सोचा करता था कि कोई उसे दुख नहीं दे सकता, वहाँ उसे कोई परेशानी नहीं थी, क्योंकि वह वहाँ सबसे अलग, सबसे दूर एकांत में रहता था और वह अपनी गुफा का स्वामी है, कोई उसे वहाँ से निकाल नहीं सकता था।