'साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं'
कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है? ...please tell a good answer with explanation...pls don't copy from net
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'साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं'
कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?
साँप ने फुसकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं है कि कुएँ में ढेला मारते समय उसकी टोपी में रखी चिट्ठियाँ चक्कर काटती हुई कुएँ में गिर रही थी। लेखक अपने बड़े भाई से बहुत डरते थे| लेकिन उस समय लेखक बहुत डर गए थे| उनके मन में ख्याल आ रहा था मुझे भेजा किसी और काम के लिए था और मैंने कुएँ में ढेला मारते समय चिट्ठियाँ कुएँ में गिरा दी| लेखक की मनोदशा भयभीत , घबराहट , निराशाजनक थी क्योंकि उन्हें पता था घर जा कर भाभी उनकी पिटाई करेगी|
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