संपूर्ण कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। भारत महिमा
Answers
हिमालय के आँगन में उसे
प्रथम किरणों का दे उपहार
उषा ने हँस अभिनंदन किया
और पहनाया हीरक हार।
जगे हम, लगे जगाने विश्व
लोक में फैला फिर आलोक
व्योम–तम–पुंज हुआ तब नाश
अखिल संसृति हो उठी अशोक।
विमल वाणी ने वीणा ली
कमल–कोमल–कर में सप्रीत
सप्तस्वर सप्तसिंधु में उठे
छिड़ा तब मधुर साम–संगीत।
हमारे संचय में था दान
अतिथि थे सदा हमारे देव
वचन में सत्य, हृदय में तेज
प्रतिज्ञा में रहती थी टेव।
वही है रक्त, वही है देश
वही है साहस, वैसा ज्ञान
वही है शांति, वही है शक्ति
वही हम दिव्य आर्य संतान।
जिये तो सदा इसी के लिये
यही अभिमान रहे, यह हर्ष
निछावर कर दें हम सर्वस्य
हमारा प्यारा भारतवर्ष।
Answer:
hi friend
Explanation:
जिसकी सुहानी सुबह है होती होती सुनहरी शाम है
वीर बहादुर जन्मे जिसमें मेरा भारत महान है
भारत की माटी के पुतले लोहे के माने जाते हैं
गांधी, नेहरू, सुभाष, तिलक इस नाम से जाने जाते हैं
मेरे देश की माटी ऐसी, जहां जन्म लेते भगवान
मेरा भारत देश महान, मेरा भारत देश महान
सोने के हैं दिन यहां, चांदी की हैं रात
नदियों में अमृत की धार,सुंदर-सुंदर घाट
फिर बने सोने की चिड़िया हम सबका है ये अरमान
मेरा भारत देश महान, मेरा भारत देश महान।
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