English, asked by anshi9694, 9 months ago

संप्रेषण का महत्व बताते हुए इसके विभिन्न मॉडलों पर प्रकाश डालें​

Answers

Answered by nidaeamann
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Answer:

Highlight the various models of communication illustrating its importance

Explanation:

The different models of communication are;

Verbal communication;

It is a direct type of communication, which may be between two people or more. Here the people are talking to one another to convey and interpret the communication

Non-verbal communication;

It is a type of communication, where words are no used, rather where signs can be used to communicate, body language, attitude and impressions give a message

Answered by shishir303
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संप्रेषण...

संप्रेषण उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच मौखिक रूप में या लिखित रूप में या सांस्कृतिक रूप में या अन्य किसी माध्यम से संदेश के रूप में विचारों एवं सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है।

किसी भी संप्रेषण की पूर्णता के लिए संदेश का होना आवश्यक होता है। संप्रेषण की प्रक्रिया में एक पक्ष संदेश भेजता है जो प्रेषक कहलाता है तथा दूसरा पक्ष उस संदेश को प्राप्त करता है वह प्रेषणी कहलाता है। इस तरह संदेश के आदान-प्रदान की यह प्रक्रिया पूर्ण होती है। यदि आवश्यक होता है तो दूसरा पक्ष संदेश का प्रतियुत्तर देता है और संप्रेषण की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है।

संप्रेषण का महत्व....

आज के युग में संप्रेषण का बेहद महत्व है। सूचना और प्रसारण के युग में संप्रेषण का बेहद महत्व है, जिसके बिना कोई सूचना व्यापक विस्तार संभव ही नही होता। आज के युग की पूरी व्यवस्था ही संप्रेषण पर टिकी है।

संप्रेषण के विभिन्न मॉडल....

संप्रेषण के मॉडल निम्नलिखित हैं...

मौखिक संप्रेषण — मुँह के माध्यम से बोल कर देने वाले संदेश को मौखिक संप्रेषण कहते हैं। जैसे टेलीफोन पर बातचीत मौखिक संप्रेषण का एक उदाहरण है या रेडियो द्वारा किसी संदेश को भेजना भी मौखिक संप्रेषण है। इसके अतिरिक्त भाषण, मीटिंग, सामूहिक परिचर्चाएं, गोष्ठियां, किसी भी तरह का सम्मेलन, धार्मिक प्रवचन आदि भी मौखिक संप्रेषण के उदाहरण हैं। मौखिक संप्रेषण एक प्रभावी और सस्ता उपाय है लेकिन ये अक्सर प्रमाणिक नही होता क्योंकि अनेक अवसरों पर इस संप्रेषण के कोई साक्ष्य नही होते। लेकिन आज के युग में तकनीक के विकास ने मौखिक संप्रेषण को भी प्रमाणिक बनाने में मदद की है। मौखिक संप्रेषण अधिकतक अनौपचारिक संप्रेषण के रूप में होते हैं।

लिखित संप्रेषण — शब्दों के माध्यम से लिखित दस्तावेज के रूप में भेजे जाने वाले संप्रेषण तो लिखित संप्रेषण कहते हैं। जैसे कि पत्र, प्रार्थनापत्र, ईमेल, टेलीग्राम, मेमो, एस. एम. एस, सर्कुलर, रिपोर्ट,  लिखित संप्रेषण के उदाहरण है। लिखित संप्रेषण प्रमाणिक होते हैं और आवश्यकता पड़ने पर इनकी पुष्टि की जा सकती है क्योंकि यह साक्ष्य के रूप में संरक्षित किए जा सकते हैं। लिखित संप्रेषण अक्सर औपचारिक संप्रेषण होते हैं, जो सार्वजनिक क्रिया-कलापों, सरकारी या कार्यालयीन गतिविधियों में बहुतायत से प्रयुक्त किये जाते हैं।

सांकेतिक या गैर शाब्दिक संप्रेषण — ऐसे सांकेतिक संप्रेषण जो ना लिखित रूप में होते हैं और ना ही मौखिक रूप में बल्कि किसी चित्र, ग्राफिक, चिन्ह, आकृति या ध्वनि के रूप में होते हैं। ऐसी संप्रेषण में शब्दों का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि इन्हीं चित्रों, ग्राफिकों, चिन्हों या ध्वनियों के माध्यम से संदेश को प्रेषित कर दिया जाता है और प्राप्तकर्ता इन चित्रों को देखकर अथवा ध्वनि को सुनकर संदेश का अर्थ समझ लेता हैय़ इस तरह के संदेश दृश्य संप्रेषण होते हैं या श्रुति संप्रेषण होते हैं। ऐसे संदेश देखकर या सुनकर समझ लिए जाते हैं जैसे घंटी, सीटी. हार्न, बिगुल आदि श्रुति संप्रेषण है तो यातायात के चिन्ह, शारीरिक मुद्राओं के हाव-भाव आदि दृश्य संप्रेषण हैं।

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