Hindi, asked by prakash1357, 1 year ago


से प्रभु! मेरे अशात मन को
हत प्रदान करो।
pratidin की lalsaao से मुझ्े बचाओ
विचलित मन में जला  प्रेम की बाती
मुले अपने मिलने के योग्य बनाओ।।
अहंकार में डूबी हुई हूँ मैं
मेरा अंतर तुम चमकाओ 
विपदाओं से विचलित न हो।
इतना मुझको सबल बनाओ।
कहाँ है माँदेर मेरे घर में
किस परदे में तुम्हें बिठाऊ
उपहास करे सारी दुनिया,
फिर भी संकित न हो पाऊ।
समस्त भुवन में व्याप्त हो फिर भी
| मैं तुमको पहचान न पाई,
मुझसे तुम यू मुख न मोडो
हाथ बढ़ाकर मुझे उबारो,
चरण-धुलि का तिलक लगाकर
तुमसे मैं कभी विलग न होऊ।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो
(ख) कविता की उन पंक्तियों को चुनो जिनमें परमात्मा को सर्वव्यापी. (ङ) इस कविता का अन्य कोई उपयुक्त शीर्षक लिखो​

Answers

Answered by arpit582
0

Answer:

1st and to last ho a ka answer.

6and15is answer

Explanation:

See in pages...

Answered by mamoon1972
0

Answer:

6 to 15 lines

Explanation:

Prabhu sarv vyapi hai

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