Hindi, asked by negiharsh7982, 3 months ago


संप्रसग व्याख्या कीजिए
कठपुतली गुस्से से उबली
तोड़ दो, मुझे मेरे पावो पर
छोड दो

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Answered by utkarsh2772
7

Answer:

कठपुतली कविता में कवि भवानी प्रसाद मिश्र ने कठपुतलियों के मन की व्यथा को दर्शाया है। ये सभी धागों में बंधे-बंधे परेशान हो चुकी हैं और इन्हें दूसरों के इशारों पर नाचने में दुख होता है। इस दुख से बाहर निकलने के लिए एक कठपुतली विद्रोह के शुरुआत करती है, वो सब धागे तोड़कर अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती है।

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