संप्रदान और अपादान कारक में अंतर स्पष्ट कीजिए
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Explanation:
सम्प्रदान कारक (Sampradaan Karak) :-
सम्प्रदान कारक का अर्थ होता है – देना। जिसके लिए कर्ता काम कर्ता है उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं। सम्प्रदान कारक के विभक्ति चिन्ह के लिए और को होता है। इसको किसके लिए प्रश्नवाचक शब्द लगाकर भी पहचाना जा सकता है। समान्य रूप से जिसे कुछ दिया जाता है या जिसके लिए कोई कार्य किया जाता है उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं।
सम्प्रदान कारक का उदाहरण (Sampradaan Karak Example in Hindi):-
(i) गरीबों को खाना दो।
(ii) मेरे लिए दूध लेकर आओ।
(iii) माँ बेटे के लिए सेब लायी।
(iv) अमन ने श्याम को गाड़ी दी।
(v) मैं सूरज के लिए चाय बना रहा हूँ।
(vii) भूखे के लिए रोटी लाओ।
(viii) वे मेरे लिए उपहार लाये हैं।
(ix) सोहन रमेश को पुस्तक देता है।
(x) भूखों को अन्न देना चाहिए।
(xi) मोहन ब्राह्मण को दान देता है।
(5) अपादान कारक (Apadan Karak):-
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी वस्तु के अलग होने का बोध हो वहाँ पर अपादान कारक होता है। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अलग होना , उत्पन्न होना , डरना , दूरी , लजाना , तुलना करना आदि का पता चलता है उसे अपादान कारक कहते हैं। इसका विभक्ति चिन्ह से होता है। इसकी पहचान ‘किससे’ जैसे प्रश्नवाचक शब्द से भी की जा सकती है।
अपादान कारक का उदाहरण (Apadan Karak example in Hindi):-
(i) पेड़ से आम गिरा।
(ii) हाथ से छड़ी गिर गई।
(iii) सुरेश शेर से डरता है।
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