संपादक जागृति रत्नागिरी स्वच्छ गांव सुंदर गांव योजना
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सुपौल। व्यक्तिगत साफ.-सफाई, घरेलू स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल, कूड़ा-करकट निपटान, मल-मूत्र निपटान और अवशिष्ट जल के निपटान होने के साथ-साथ आम-आवाम का व्यवहार परिवर्तन होने की स्थिति में अति महत्वाकाक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन, लोहिया स्वच्छता योजना और स्वच्छ ग्राम-सुंदर ग्राम-स्वस्थ्य ग्राम की अवधारणा साकार हो सकती है। उक्त बातें सुपौल प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत हरदी पूरब में बीबीसी ट्रस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम छठ घाट और सड़क साफ -सफाई तथा जन जागरूकता की कड़ी में संस्था मुख्य संरक्षक सह लोहिया यूथ ब्रिगेड के प्रदेश संयोजक डा. अमन कुमार ने कही।
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1 भारत में ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम, भारत सरकार की प्रथम पंचवर्षीय योजना के रूप में 1954 में शुरू किया गया था| 1981 की जनगणना से पता चल किया गया था| 1981-90 के दौरान पेयजल एवं स्वच्छता के लिए अंतराष्ट्रीय दशक में ग्रामीण स्वच्छता पर जोर देना शुरू किया गया| भारत सरकार ने वर्ष 1986 में केन्द्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम शुरू किया जिसका उद्देश्य प्राथमिक रूप से ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना तथा महिलाओं को निजता एवं सम्मान प्रदान करना था| 1999 से “सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान” के अंतर्गत “मांग जनित” दृष्टिकोण ने ग्रामीण लोगों के बीच जागरूकता तथा स्वच्छता सुविधाओं के लिए मांग सृजन में वृद्धि करने के लिए सूचना, शिक्षा और सम्प्रेषण, मानव संसाधन विकास, क्षमता विकास गतिविधियों पर अधिक जोर दिया| इससे लोगों की आर्थिक स्थिति के अनुसार, वैकल्पिक सूपूर्दगी तंत्रों के जरिए समुचित विकल्पों के चयन करने हेतु उनकी क्षमता में बढ़ोत्तरी करना है| गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को उनकी उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करते हूए वैयक्तिक पारिवारिक शौचालयों के निर्माण तथा उपयोग पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए गए|
2 स्वच्छता पर जागरूकता सृजित करने के लिए, प्रथम निर्मल ग्राम पुरस्कार 2005 में प्रदान किए गए थे जिनमें पूर्ण स्वच्छता कवरेज और खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायतों की स्थिति तथा अन्य संकेतकों को प्राप्त करना सुनिश्चित करने हेतु ग्राम पंचायत स्तर प्राप्त उपलब्धियों और किए गए उपायों को मान्यता प्रदान की गई| निर्मल स्थिति प्राप्त करने के लिए समुदाय में इच्छा जागृत करने के लिए इस पुरस्कार को लोकप्रियता प्राप्त हुए जबकि पुरस्कार प्राप्त कुछेक ग्राम पंचायतों में स्थायित्व के मुद्दे बने रहे हैं|
3 पहले के सम्पूर्ण स्वच्छता अभिया कार्यक्रम के बदले “निर्मल भारत अभियान” 1.4.2012 से शुरू किया गया था| इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कवरेज की गति तेज करना था ताकि नवीकृत कार्यनीतियों और स्वच्छता दृष्टिकोण के माध्यम से ग्रामीण समुदाय को व्यापक रूप से कवर किया जा सके| निर्मल भारत अभियान (एनबीए) में निर्मल ग्राम पंचायतों की दृष्टि से संतृप्तिकरण परिणामों के लिए समग्र समुदाय को कवर करने की परिकलपना की गई थी| निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत, आईएचएचएल के लिए प्रोत्साहनों में वृद्धि की गई तथा ध्यान संकेन्द्रित किया गया| तथापि, मनरेगा के साथ एनबीए के तालमेल में कार्यान्वयन संबंधी कठिनाइयों आ रही थी क्योंकि विभिन्न स्रोतों से वित्तपोषण में विलंब हुआ था|
4 सर्वव्यापी स्वच्छता कवरेज हासिल करने के प्रयासों में वृद्धि करने तथा स्वच्छता पर ध्यान संकेन्द्रित करने हेतु, भारत के प्रधान मंत्री ने दिनांक 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत की है| सचिव, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय इस मिशन के समन्वयक होंगे| इस मिशन में दो घटक शामिल हैं- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) तथा स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) जिनका उद्देश्य महात्मा गाँधी की 150वीं वर्षगांठ की सही श्रद्धांजली प्रदान करने के रूप में 2019 तक स्वच्छ भारत की स्थिति प्राप्त करना है| जिसका तात्पर्य ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधियों के जरिए स्वच्छता स्तरों को उन्नत बनाना तथा ग्राम पंचायतों को खुले में शौच प्रथा से मुक्त, स्वच्छ एवं साफ – सुथरा बनाना है| इस मिशन में कमियां दूर करने का प्रयास किया जाएगा जो इस समय प्रगति में रूकावट पैदा कर रही थी तथा परिणामों को प्रभावित करने वाले जटिल मुद्दों पर ध्यान संकेन्द्रित किया जाएगा|
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