स्पष्ट कीजिए कि बाजारों के सिंगला कैसे बनती है इससे किस किन उद्देश्यों की पूर्ति होती है छोटा उतर
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बाजारों की श्रृंखला निम्न प्रकार से बनती हैं -
विभिन्न प्रकार के बाज़ार होते हैं जहां वस्तुएं बेची जाती है। वस्तुओं का उत्पादन कारखानों में, खेतों में और घरों में होता है। पहले थोक व्यापारी बड़ी मात्रा अथवा संख्या में वस्तुएं खरीद लेते हैं। फिर वे इन वस्तुओं को दूसरे व्यापारियों को बेचते हैं। परचून विक्रेता इन वस्तुओं को उपभोक्ता को बेचता है। यह परचून विक्रेता साप्ताहिक बाजार का व्यापारी , पड़ोस में एक फेरी वाला या फिर शॉपिंग कंपलेक्स में एक दुकान हो सकती है। इस प्रकार से बाजा़रों की श्रृंखला बनती है।
बाजारों की श्रृंखला वस्तु को दूरस्थ स्थानों पर पहुंचाने में सहायता करती हैं। वस्तुओं के उत्पादक अपनी वस्तुओं को सीधे उपभोक्ताओं को नहीं बेचते । बाजारों की श्रृंखला के माध्यम से ही वस्तुएं उपभोक्ताओं के पास पहुंचती हैं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।