Environmental Sciences, asked by pawankumarbhawna, 1 year ago

स्पष्ट कीजिए कि बेरोजगारी एक आर्थिक व सामाजिक बुराई कैसे है

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Answered by SmritiSami
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Answer:

  • आज, बेरोजगारी को देश की सबसे खतरनाक समस्याओं में से एक माना जाता है। समाज उन वस्तुओं और सेवाओं से वंचित है जो बेरोजगार लोग पैदा कर सकते थे।
  • शिक्षित व्यक्तियों में बेरोजगारी अधिक गंभीर है। यह उनमें किए गए निवेश के कारण है। बेरोजगारी न केवल एक आर्थिक बुराई है, यह एक सामाजिक समस्या भी है। बेरोजगारी सामाजिक अशांति और तनाव फैलाती है क्योंकि बेरोजगार लोग समाज का एक निराश वर्ग है।
  • बेरोजगारी आर्थिक और सामाजिक दोनों प्रकार की समस्या है। बेरोजगारी इस अर्थ में एक आर्थिक समस्या है कि बेरोजगार व्यक्ति उत्पादक न होकर केवल उपभोक्ता होंगे।
  • बेरोजगारी के कारण मानव संसाधनों के अनुपयोग में रखरखाव की लागत और उत्पादन की हानि को दोगुना करना शामिल है। बेरोजगारी इस अर्थ में एक सामाजिक समस्या है कि यह बेरोजगार श्रमिकों को उनकी कम या शून्य आय के कारण भारी पीड़ा का कारण बनती है।
  • बेईमानी, अनैतिकता, मद्यपान, जुआ, डकैती आदि अनेक सामाजिक कुरीतियाँ बेरोजगारी का परिणाम हैं, यह समाज में सामाजिक विघटन का कारण बनती है और सरकार को कानून व्यवस्था पर भारी अनुत्पादक व्यय करना पड़ता है।
  • बेरोजगारी के कारण औद्योगिक विवाद उत्पन्न होते हैं। इसका नियोक्ता-कर्मचारी संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। औद्योगिक विवादों के कारण बेरोजगारी बढ़ती है।
  • बेरोजगारी के कारण देश में राजनीतिक अस्थिरता है। बेरोजगार व्यक्ति खुद को विनाशकारी गतिविधियों में संलग्न करते हैं। वे सरकारों को निकम्मा समझते हैं। राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति में आर्थिक विकास कठिन हो जाता है।

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