स्पष्ट कीजिए क्यों
(a) पारे का काँच के साथ स्पर्श कोण अधिक कोण होता है जबकि जल का काँच के साथ स्पर्श कोण न्यून कोण होता है।
(b) काँच के स्वच्छ समतल पृष्ठ पर जल फैलने का प्रयास करता है जबकि पारा उसी पृष्ठ पर बँदे बनाने का प्रयास करता है। (दूसरे शब्दों में जल काँच को गीला कर देता है जबकि पारा ऐसा नहीं करता है।)
(c) किसी द्रव का पृष्ठ तनाव पृष्ठ के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है।
(d) जल में घुले अपमार्जकों के स्पर्श कोणों का मान कम होना चाहिए।
(e) यदि किसी बाह्य बल का प्रभाव न हो, तो द्रव बूँद की आकृति सदैव गोलाकार होती है।
Answers
स्पष्ट कीजिए क्यों
(b) काँच के स्वच्छ समतल पृष्ठ पर जल फैलने का प्रयास करता है जबकि पारा उसी पृष्ठ पर बँदे बनाने का प्रयास करता है। (दूसरे शब्दों में जल काँच को गीला कर देता है जबकि पारा ऐसा
कारण बताते हुए दिए हुए प्रश्न को स्पष्ट करना।
Explanation:
a) पानी के अणुओं का सामंजस्य बल पानी के अणुओं और कांच की सतह तुलना में अधिक होता है इसलिए पानी की दीवार और कांच की दीवार के बीच कोण न्यून होता है जबकि पारे और कांच के गिलास के बीच यह उल्टा होता है , इस कारण यह अधिक कोण होता है।
b) काँच के स्वच्छ समतल पृष्ठ पर जल फैलने का प्रयास करता है जबकि पारा उसी पृष्ठ पर बँदे बनाने का प्रयास करता ऐसा इसलिए है क्योंकि पारे की सतह का तनाव पानी से अधिक है।
c) किसी द्रव का पृष्ठ तनाव पृष्ठ के क्षेत्रफल पर निर्भर नहीं करता है वह केवल तरल की प्रकृति पर निर्भर करता है ।
d) डिटर्जेंट पानी की सतह तनाव को कम करता है , इससे जल द्वारा गन्दगी को आसानी से निकाला जा सकता है।
e ) हर तरल में न्यूनतम सतह क्षेत्र पर कब्जा करने की प्रवृत्ति होती है। सामान्य क्षेत्र में सभी ज्यामितीय आकृतियों के बीच न्यूनतम क्षेत्र गोले में होता है, इसलिए यदि किसी बाह्य बल का प्रभाव न हो, तो द्रव बूँद की आकृति सदैव गोलाकार होती है।
घर्षण बल से लाभदायक तथ्य एवं हानिकारक तथ्य।
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