सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाक़ू की तरह है जिसमे सिर्फ ब्लेड है. यह इसका प्रयोग करने वाले के हाथ से खून निकाल देता पर निबंध
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♥ अरे वहाँ↓↓
यहाँ आपका जवाब है↓
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यह रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित उद्धरण है।
कल्पना की और अपने उद्धृत जीवन के माध्यम से इस उद्धरण लिखा।
यह हैडल और ब्लेड दोनों के साथ चाकू का मतलब है। अगर चाकू में कोई भी नहीं है तो यह काम नहीं करता है या हमारी मदद नहीं करता है।
◆ यह आपको बताता है कि मन को तर्क और कल्पना दोनों की आवश्यकता है। अगर किसी दिमाग में कोई भी नहीं है तो यह अधूरा दिमाग है। अगर मन में केवल एक ही है तो यह ठीक से काम नहीं करता है।
→ अगर चाकू केवल ब्लेड के साथ है, तो यह उस व्यक्ति के हाथ को चोट पहुंचाएगा जो इसे पकड़ता है।
इसका मतलब है कि अगर केवल तर्क है, तो कोई कल्पना नहीं है, यह ऐसा करने वाले व्यक्ति की रचनात्मक सोच को मार देगा।
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यदि आप मेरे उत्तर को पसंद करते हैं तो कृपया दिमाग के रूप में चिह्नित करें
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प्रिय मित्र, ∆∆ विवेक और दिमाग ∆∆
प्रिय मित्र आपके प्रश्न के अनुसार विवेक और दिमाग में क्या संबंध है ?
>> तो मित्र हम सभी जानते हैं कि हमारा विवेक और हमारा दिमाग दोनों ही शरीर की एक अभिन्न और महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं यदि हमारा दिमाग बंद हो जाता है और यदि हमारा विवेक कार्य करना बंद कर देता है तो इसके दुष्परिणाम हमें देखने को मिलते हैं कहने को हम कह सकते हैं कि यदि हम दिमाग से काम करना बंद कर देंगे तो हमें उसके दुष्परिणाम अलग और यदि हम अपने विवेक से काम करना बंद कर देंगे तो हमें उसके दुष्परिणाम अलग देखने को मिलेंगे l
>> मित्र उदाहरण के तौर पर यदि हम कोई भी काम अपने विवेक से करते हैं पर उस कार्य में हमारे दिमाग यानी कि हमारे बुद्धि का प्रयोग होना है और बुद्धि की जगह हम विवेक का प्रयोग करते हैं तो उसका परिणाम बहुत अच्छा या बहुत बुरा आ सकता है और यदि हम कोई भी काम अपने दिमाग से करते हैं
प्रिय मित्र आपके प्रश्न के अनुसार विवेक और दिमाग में क्या संबंध है ?
>> तो मित्र हम सभी जानते हैं कि हमारा विवेक और हमारा दिमाग दोनों ही शरीर की एक अभिन्न और महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं यदि हमारा दिमाग बंद हो जाता है और यदि हमारा विवेक कार्य करना बंद कर देता है तो इसके दुष्परिणाम हमें देखने को मिलते हैं कहने को हम कह सकते हैं कि यदि हम दिमाग से काम करना बंद कर देंगे तो हमें उसके दुष्परिणाम अलग और यदि हम अपने विवेक से काम करना बंद कर देंगे तो हमें उसके दुष्परिणाम अलग देखने को मिलेंगे l
>> मित्र उदाहरण के तौर पर यदि हम कोई भी काम अपने विवेक से करते हैं पर उस कार्य में हमारे दिमाग यानी कि हमारे बुद्धि का प्रयोग होना है और बुद्धि की जगह हम विवेक का प्रयोग करते हैं तो उसका परिणाम बहुत अच्छा या बहुत बुरा आ सकता है और यदि हम कोई भी काम अपने दिमाग से करते हैं
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