सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक चाकू की तरह है essay 750 शब्द
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हम बच्चों को तर्क करने से रोकते हैं। बच्चों तर्क करते हुए बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते। इसलिए उन्हें स्कूल में समझाया जाता है कि तर्क नहीं करो। भद्र बनने की सलाह दी जाती है।तर्क और क्रोध इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। इंसान को तर्क कहीं का नहीं छोड़ता है। घुन की तरह होता है तर्क जो धीरे-धीरे अच्छे व्यक्ति को खराब कर देता है।
तर्क करने वाला व्यक्ति बहुत कुछ पाकर भी कुछ नहीं पाता है। जी, हां लोगों का पर्याय नहीं पाता है।इसलिए टैगोर साहब ने बोला है कि तर्क धारदार चाकू की तरह होता है जिसका प्रयोग करने वाला व्यक्ति अपना ही हानि करता है। अपने हाथ को रक्तशील करता है।
Tark Karnataka dimaag
Tark karnewala vyati ka dimaag ek aisa dimaag hota hai jo sochta kam hai aur behes zyada kertta hai.Per jo log unse pram karte hain tark karnewala log unko bhi takleef dete hain.Isiliye yeh kaha jaata hai ki tark karnewala vyakti chaku ki tarah hota hai.Jo uske saamne aaye wo vyakti usse takleef deta hai aur much sochta nhi