सिर्फ़ तर्क करनेवाला दिमाग़ एक एसे चाक़ू की तरह है जिसमें सिर्फ़ धार है। वह प्रयोग करने वाले का हाथ रक्तमय कर देता है। निबंध हिंदी में
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एक धारवान चाकू ज्यादा तेज चलने से लहू ही बहाता है ठीक वैसे ही ज्यादा तर्क करने वाला दिमाग संबंध को नष्ट करके रखता है।
तेज चाकू से हम सब्जी को जल्दी काट सकते हैं, ताकि हमारा कार्य जल्दी हो ठीक उसी प्रकार यदि हम तर्क किसी मुद्दे को लेकर कर रहे हैं तो सही है। मगर अनावश्यक कर रहे हैं तो गलत है।
इसलिए अपनी बुद्धि और वाणी पर हमेशा हमें संयम रखनी चाहिए।
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