Hindi, asked by smit53542, 9 months ago

सारे गाँव में बदलू मुझे सबसे अच्छा आदमी लगता था क्योंकि वह मुझे सुंदर-सुंदर लाख की गोलियाँ बनाकर देता था। मुझे अपने मामा के गाँव जाने का सबसे बड़ा चाव यही था कि जब मैं वहाँ से लौटता था तो मेरे पास ढेर सारी गोलियाँ होतीं, रंग-बिरंगी गोलियाँ जो किसी भी बच्चे का मन मोह लें।
वैसे तो मेरे मामा के गाँव का होने के कारण मुझे बदलू को 'बदलू मामा' कहना चाहिए था परंतु मैं उसे 'बदलू मामा' न कहकर 'बदलू काका' कहा करता था जैसा कि गाँव के सभी बच्चे उसे कहा करते थे।तो लेखक मामा न कहकर काका बुलाने लगे।मकान के सामने बडा़-सा सहन था जिसमें एक पुराना नीम का वृक्ष लगा था। उसी के नीचे बैठकर बदलू अपना काम किया करता था। बगल में भट्टी दहकती रहती जिसमें वह लाख पिघलाया करता।सामने एक लकड़ी की चौखट पड़ी रहती जिस पर लाख के मुलायम होने पर वह उसे सलाख के समान पतला करके चूड़ी का आकार देता। पास में चार-छह विभिन्न आकार की बेलननुमा मुँगेरियाँ रखी रहतीं जो आगे से कुछ पतली और पीछे से मोटी होतीं।लाख की चूड़ी का आकार देकर वह उन्हें मुँगेरियों पर चढ़ाकर गोल अैर चिकना बनाता अैर तब एक-एक कर पूरे हाथ की चूड़ियाँ बना चुकने के पश्चात् वह उन पर रंग करता।
1- प्रस्तुत गद्यांश के पाठ का नाम और लेखक का नाम क्या है ?​

Answers

Answered by santosh819883
6

Answer:

प्रस्तुत गद्यांश का नाम लाख की चूड़ियां है और लेखक का नाम कामतानाथ है।

hope you will like it.

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Answered by 0eng
4

path ka naam lakh ki chudiya or lekhak

ka naam kamthanath .

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