Hindi, asked by agarwalaaditi236, 5 hours ago

सूर के पदों के आधार पर भ्रमरगीतसार की विशेषताएं लिखिए।​

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Answered by Aahmita
2

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सूरदास जी के भ्रमरगीत में निर्गुण ब्रह्म का विरोध और सगुण ब्रह्म की सराहना है। भ्रमरगीत में गोपियों ने भौरे को माध्यम बनाकर अपनी बात को कहा है। अपनी वाक्पटुता, सरलता और व्यंगात्मकता के द्वारा उन्होंने उद्धव को उत्तरविहीन कर दिया। सूरदास जी भ्रमरगीत में विरह के भावों की व्यंजना की है।

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