सूर के पद summary in english
Answers
Answered by
1
Answer:
मैया, कबहिं बढ़ैगी चोटी?
किती बार मोहिं दूध पियत भई, यह अजहूँ है छोटी।
तू जो कहति बल की बेनी ज्यौं, ह्नै है लाँबी-मोटी।
काढ़त-गुहत न्हवावत जैहै, नागिन सी भुइँ लोटी।
काचौ दूध पियावत पचि-पचि, देति न माखन-रोटी।
सूर चिरजीवौ दोउ भैया, हरि-हलधर की जोटी।
Explanation:
कबहिं – कब
किती – कितनी
पियत – पिलाना
अजहूँ – आज भी
बल – बलराम
बेनी – चोटी
लाँबी-मोटी – लंबी-मोटी
काढ़त – बाल बनाना
गुहत – गूँथना
न्हवावत – नहलाना
नागिन – नागिन
भुइँ – भूमि
लोटी – लोटने लगी
काचौ – कच्चा
पियावति – पिलाती
पचि-पचि – बार-बार
माखन – मखक्न
चिरजीवी – चिरंजीवी
दोउ – दोनों
हरि-हलधर – कृष्ण-बलराम
जोटी – जोड़ी
Answered by
1
Answer:
Surdas ke Pad 'सूरदास के पद' Summary, Explanation, Question and Answers and Difficult word meaning. कक्षा
Similar questions