सारा संसार एक ही परिवार है। क्यो?
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Explanation:
Sara Sansar ek hi Parivar Hai Kyunki Sabhi Hamare bhai behan hai aur ek hi aadami jo Kisi Ko Janm Diya Hai Usi Se Har EK aadami Janm liya hai
Answer:
भारत जैसे खानदानी देश का हमेशा से ही पारिवारमुखी चिंतन रहा है। वसुधैव कुटुंबकम्- संसार एक परिवार है। ज्ञानी लोगों के लिए अपना परिवार ही संसार है। बाकी सब बेकार है। देश के नेता इसी विश्वकल्याणी भावना से सपरिवार देशसेवा में जुट गए हैं। राजनीति के इस कुटुंब में बापू, चाचा, ताऊ, अन्ना, अम्मा, मम्मी, दीदी, बहनजी, भाईजी, भैयाजी, राजा भैयाजी सब रिश्ते सशरीर उपलब्ध हैं। रिश्ते-ही-रिश्ते। बस, माननीय शकुनीजी और मान्यवर कंसजी के बाद मामाओं का ऐतिहासिक पद जरूर खल्लास पड़ा हुआ था। इधर एक पराक्रमी भांजे ने मामाजी को लपेटे में लेकर उनकी ऐसी रेल बनाई है कि सदियों से उपेक्षित पड़े देश के मामाओं में बूढ़े भारत में आई फिर से नई जवानी है कि तर्ज पर खोई हुई जवानी वापस आ गई है। यह एक अदद भांजे का ही पराक्रम है, जो मामा के जरिये भारत में महाभारत करा देता है। परिवार होते किसलिए हैं? परिवार हैं, तभी तो घोटाले हैं।
घोटाले हैं तो परिवार हैं। परिवार में घोटाले हैं। घोटालों में परिवार हैं। परिवार के बिना घोटालों का क्या आधार है? परिवार है तो भाई हैं। भाई हैं तो भाईचारा भी है। भाई है तो भौजाई है। भौजाई है तो भतीजा है। तो फिर भाई-भतीजावाद क्यों नहीं होगा? बिना भाई-भतीजे के काहे का परिवार? एक परिवार को फलता-फूलता देख लोग ईष्र्या के मारे सीबीआई हो जाते हैं। किसी के पारिवारिक मामले में टांग अड़ाना कोई अच्छी बात है? कुछ सिरफिरे तो इस्तीफे तक की मांग कर बैठते हैं। अगर रिश्वत या घोटाले-जैसे छोटे आरोपों पर मंत्री इस्तीफा देने लगे, फिर तो सारे ही मंत्री घर बैठ जाएंगे। परिवार एक साइकिल है। जिसका एक पहिया यदि मुख्यमंत्री हो गया तो दूसरे पहिये को मंत्री तो बनाना ही पड़ेगा। संतुलन के लिए ऐसा करना जरूरी है। एक राजनैतिक परिवार के मुखिया को देखो। परिवार पर भर्ती का भारी संकट आया तो चुपचाप तिहाड़ सिधार गए। बुजुर्ग ऐसा त्याग नहीं करेंगे तो कैसे बचेगा परिवार? येलोग परिवार के लिए ही घूस लेते हैं। और घूस लेने के लिए ही परिवार बनाते हैं। घूसधर्मी लोगों के लिए सारा संसार एक परिवार है। वसुधैव कुटुंबकम्...।
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